Uttarakhand: संकट से जूझ रहा अग्निशमन विभाग, जर्जर पड़ चुके हैं वाहन, कर्मचारियों की है भारी कमी
Uttarakhand Fire Department: उत्तराखंड में अग्निशमन विभाग गंभीर समस्याओं से जूझ रहा है. यहां कई पदों पर भर्तियां लंबित हैं लेकिन उस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है.
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Uttarakhand Fire Department News: उत्तराखंड (Uttarakhand) के अग्निशमन विभाग (Fire Department) के हालात आज भी जस के तस बने हुए हैं. विभाग कर्मचारियों और वाहनों की भारी कमी से जूझ रहा है. हालात ये हैं कि फायरमैन से लेकर अग्निशमन विभाग में बड़े अधिकारियों के पद भी बड़ी संख्या में खाली पड़े हुए हैं, जबकि राज्य में फायर सीजन चल रहा है. गर्मी के मौसम में प्रदेश में आगजनी की घटनाएं बढ़ती हैं लेकिन इससे निपटने के लिए अग्निशमन विभाग के पास ना ही पर्याप्त कर्मचारी हैं और न ही वाहन. करीब 50 प्रतिशत कर्मचारियों की कमी बनी हुई है.
चीफ फायर ऑफिसर के पांच पद खाली हैं जबकि फायर स्टेशन ऑफिसर के 29 पद रिक्त हैं. इसके अलावा फायर स्टेशन ऑफिसर द्वितीय के 26 पदों पर भर्ती नहीं हो पाई है. लीडिंग फायरमैन के 15 पद खाली हैं जबकि फायरमैन के 455 पद पर कोई बहाली नहीं हुई है. इसके साथ ही ऑफिस स्टाफ के 533 पद रिक्त हैं. इतना ही नहीं अग्निशमन विभाग संसाधनों की कमी से भी जूझ रहा है. होमटेंडर 28 और वाटर टैंक 70 उपलब्ध है,लेकिन 45 वाहन 15 साल से अधिक के हो गए है. साथ ही पोर्टेबल पंप केयरिंग व्हीकल 22 हैं लेकिन यह भी 15 साल की अवधि पूरी कर चुके हैं. फोम और पानी वाले फायर टैंकर की 98 गाड़ियां हैं लेकिन इनमें से करीब 50 गाड़ियां ऐसी हैं जो 18 साल से ऊपर यानी कि अपनी उम्र पार कार चुकी है.
जान जोखिम में डालकर वाहन चला रहे कर्मचारी
केंद्र सरकार के नियमानुसार 15 वर्ष की मियाद पूरी कर चुके वाहन सड़कों पर नहीं चला सकते, लेकिन विभाग में वाहनों की कमी के चलते फायरकर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर इन्हीं वाहनों को दौड़ा रहे हैं. डिप्टी डायरेक्टर फायर संदीप राणा ने बताया कि 445 फायर मैन की सीधी भर्ती के सापेक्ष कार्रवाई जारी है, हमारे पास 50 प्रतिशत ही वर्क फोर्स है.
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