Uttarakhand Flood: हरिद्वार के लक्सर में मॉनसून की बारिश मुसीबत बन गई है. गंगा और सहायक नदियां उफान पर हैं. कई गांवों में नदियों का पानी आ जाने से बाढ़ की स्थिति बन गई है. बाढ़ की वजह से लोगों की जिंदगी थम गई. अभी तक गांवों में घुसा पानी उतरता नजर नहीं आ रहा है. प्रशासन ने बचाव राहत का काम युद्धस्तर पर शुरू कर दिया है. लोगों को बाढ़ से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है. एसडीआरएफ की टीम लोगों का रेस्क्यू करने में जुटी है. प्रशासन की टीम राहत सामग्री बाढ़ग्रस्त इलाकों में हेलीकॉप्टर से भिजवा रही है.
गंगा और सहायक नदियों के पानी से कई गांव में आई बाढ़
बारिश के चार दिनों बाद मौसम साफ हुआ है. गांवों में बाढ़ का पानी उतरने का नाम नहीं ले रहा है. बाढ़ प्रभावित लोगों तक युद्धस्तर पर राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है. प्रशासन और एसडीआरएफ की टीम बचाव कार्य में लगी हैं. एसडीआरएफ की टीम ने मौसम साफ होने के बाद ढाई दर्जन लोगों का रेस्क्यू किया. खेत-खलिहान से लेकर सड़क पर पानी ही पानी नजर आ रहा है. हरिद्वार से लक्सर के बीच 35 किलोमीटर की सड़कें जलमग्न हो गई हैं.
हेलीकॉप्टर और मोटर बोट से भिजवाई जा रही राहत सामग्री
सड़कों पर पानी भर जाने की वजह से बाढ़ प्रभावित लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाने में दुश्वारी आ रही है. ऐसे में हेलीकॉप्टर की मदद से राहत सामग्री का वितरण किया जा रहा है. हरिद्वार जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्बयाल ने बताया कि 75 ग्राम पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हुई हैं. ऐसे में मोटर बोट के माध्यम से बाढ़ प्रभावित लोगों तक राहत सामग्री भिजवाई जा रही है. उन्होंने बताया कि गांवों से बाढ़ का पानी उतरने के बाद बीमारी फैलने की आशंका है. प्रशासन के सामने बीमारी की रोकथाम करना चुनौती होगी. हरिद्वार के लक्सर में आई बाढ़ से लोग परेशान हैं. तीर्थ यात्रियों समेत प्रशासन को पानी उतरने का इंतजार है.