Uttarakhand News: उत्तराखंड के अनेक स्थानों पर रविवार को जारी बारिश के कारण भूस्खलन होने से विभिन्न सड़कों पर यातायात अवरूद्ध हुआ. जबकि अलकनंदा नदी (Alakananda River) पर बने बांध से भारी मात्रा में छोड़े गए पानी से देवप्रयाग (Devprayag) में गंगा नदी (Ganga River) खतरे के निशान को और हरिद्वार (Haridwar) में चेतावनी स्तर को पार कर गयी .
पौड़ी जिले के श्रीनगर में अलकनंदा के चेतावनी स्तर से ऊपर बहने के कारण उस पर बनी जीवीके जलविद्युत परियोजना के बांध से सुबह 2000-3000 क्यूमेक्स पानी छोड़े जाने के बाद बारिश से उफनाई गंगा के जलस्तर में जबरदस्त उछाल आया. देर शाम तक टिहरी जिले में देवप्रयाग संगम पर गंगा खतरे के निशान 463 मीटर का स्तर पार कर 463.20 मीटर पर पहुंच गयी. इससे संगम घाट, रामकुंड, धनेश्वर घाट और फुलाड़ी घाट में पानी भर गया .
टिहरी जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी बृजेश भट्ट ने बताया कि जिला प्रशासन लगातार मुनादी कर लोगों को नदी के किनारों से दूर रहने के लिए आगाह कर रहा है. उन्होंने बताया कि ऋषिकेश के पास टिहरी के मुनि की रेती क्षेत्र में भी गंगा का जलस्तर 339.60 मीटर हो गया जो 339.50 के चेतावनी स्तर से 0.10 मीटर ऊपर है. उधर, बांध से छोड़े गए पानी से हरिद्वार में रविवार शाम गंगा 293 मीटर के चेतावनी स्तर को पार कर 293.15 मीटर पर पहुंच गयी. हालांकि, हरिद्वार में खतरे का निशान 294 मीटर पर है लेकिन अधिकारियों को आशंका है कि देर रात यह जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पंहुच सकता है.
अनियंत्रित होकर बह रहा गंगा का पानी
यूपी कैनाल हेडवर्क के एसडीओ शिवकुमार कौशिक ने बताया कि गंगा के बढ़े स्तर से निचले इलाकों में अलर्ट कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि इससे पहले से बाढ़ जैसे हालात से जूझ रहे हरिद्वार के लक्सर और खानपुर क्षेत्रों के अलावा उत्तर प्रदेश के नदी किनारे के इलाकों मे बाढ़ का खतरा हो सकता है. उधर, हरिद्वार में भारी मात्रा में पानी आने से भीमगोड़ा बैराज का एक गेट क्षतिग्रस्त हो गया जिससे गंगा का पानी अनियंत्रित होकर बह रहा है.
राज्य आपदा परिचालन केंद्र ने हरिद्वार के जिलाधिकारी धीरज सिंह को गेट नंबर 10 को जल्द ठीक करने के निर्देश दिए हैं ताकि टूटे गेट से तेज गति से पानी बहने के कारण संभावित भारी नुकसान को रोका जा सके. हरिद्वार में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश के चलते लक्सर, खानपुर, रूड़की, भगवानपुर और हरिद्वार तहसीलों के 71 गांवों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं . वहां राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ), सेना तथा पुलिस की मदद से बचाव और राहत कार्य चलाए जा रहे हैं .
चमोली जिले के जोशीमठ क्षेत्र में नीति घाटी में गिर्थी गंगा नदी में मलबे के साथ अत्यधिक पानी आने के कारण जोशीमठ-मलारी मोटर मार्ग पर मलारी से आठ किलोमीटर आगे नदी पर बने पुल का अबेटमेंट (पुल को सहारा देने वाली संरचना) क्षतिग्रस्त हो गया. पिथौरागढ़ के धारचूला क्षेत्र में काली नदी का जलस्तर चेतावनी स्तर 889 मीटर से ऊपर बह रहा है. प्रदेश के विभिन्न जिलों में बारिश के कारण भूस्खलन होने से दर्जनों मार्ग बाधित हैं.
देहरादून मौसम केंद्र द्वारा जारी पूर्वानुमान में प्रदेश के सभी 13 जिलों में रविवार और सोमवार को बारिश का ‘आरेंज अलर्ट’ जारी किया गया है जबकि कुमांऊ क्षेत्र के उधमसिंह नगर, नैनीताल, चंपावत, अल्मोड़ा, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों के लिए 18 जुलाई को भी बारिश का ‘आरेंज अलर्ट’ रखा गया है.