Uttarakhand Flood: उत्तराखंड में बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. इंसान से लेकर जानवरों तक पर बारिश आफत बनकर बरसी है. कई जिलों में बाढ़ की स्थिति बन गई है. खेत-खलिहान से लेकर सड़क पर पानी आ गया है. रिहाइशी इलाके जलमग्न हो गए हैं. खेतों में लगी किसानों की फसल पानी से चौपट हो गई है. सड़कों पर वाहनों के पहिए थम गए हैं. पानी में मवेशियों के भी बहने की सूचना है. हरिद्वार के लक्सर में बाढ़ का पानी आने से लोगों की मुसीबत बढ़ गई.


बाढ़ का पानी घर में घुसने से बढ़ी परेशानी


घर में लोगों के फंसे होने की सूचना एसडीआरएफ की टीम को मिली. हरकत में आई एसडीआरएफ की टीम ने लक्सर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. पानी में घिरे घर से बच्चों को बाहर निकालकार बोट पर बिठाया गया. सुरक्षित ठिकाने पर पहुंचने के बाद बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बाढ़ग्रस्त इलाकों से आ रही तस्वीर लोगों की परेशानी को बयान कर रही है. गांवों में घुसा बाढ़ का पानी अभी तक उतरता नजर नहीं आ रहा है. प्रशासन की तरफ से बचाव राहत का काम युद्धस्तर पर चलाने के बावजूद पानी में फंसे लोगों का पूरी तरह रेस्क्यू नहीं किया जा सका है. एसडीआरएफ की टीम संकट में फंसे लोगों को निकालने के लिए मुस्तैद है. 






एसडीआरएफ की टीम ने ऐसे किया रेस्क्यू


बता दें कि बाढ़ प्रभावित लोगों तक राहत सामग्री हेलीकॉप्टर और मोटर बोट से पहुंचाई जा रही है. प्रशासन की चिंता बाढ़ का पानी निकलने के बाद फैलने वाली बीमारी की भी है. समय पूर्व बीमारी की रोकथाम करना चुनौती से कम नहीं है. स्थानीय लोगों के बीच तीर्थ यात्रियों को भी बाढ़ का पानी उतरने का इंतजार है. पानी का निकासी नहीं होने से भी जगह-जगह जलभराव की समस्या बरकरार है. लोगों को आसमानी आफत से अभी राहत नहीं मिलनेवाली है. देहरादून मौसम केंद्र ने कुमांऊ क्षेत्र के उधमसिंह नगर, नैनीताल, चंपावत, अल्मोड़ा, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों में 18 जुलाई को बारिश का ‘आरेंज अलर्ट’ जारी किया है.


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