देहरादून, एबीपी गंगा। उत्तराखंड के जंगलों में आग और तपतपाती गर्मी ने वैसे तो लोगों का जीना मुहाल किया हुआ है, लेकिन इस तपन ने आदमी ही नहीं बल्कि जंगली जानवरों का भी जीना दुश्वार किया हुआ है। आलम यह है की राजधानी देहरादून के 108 कंट्रोल रूम में रोजाना दर्जनों फोन कॉल्स सिर्फ जहरीले सांपों के घरों में घुसने की आ रही है और वो इसलिए कि गर्मी के सीजन में जंगली जानवर आवासीय क्षेत्रों का रुख कर रहे है। जिसके चलते राजधानी में जहरीले सांपो का कब्जा बना हुआ है।


रोजाना घरों से रेस्क्यू किए जा रहे जहरीले सांप


राजधानी देहरादून के अलग-अलग इलाकों में रोजाना वन विभाग के कर्मचारी घरों से जहरीले सांपों को पकड़ते हैं। जहां घरों में घुसे जहरीले सांपों को देखकर आपकी रूह तक कांप जाती है, लेकिन वन विभाग के कर्मचारी रोजाना ऐसे ही दर्जनों सांपों को पकड़कर जंगलों में छोड़ रहे है। हैरानी की बात यह है कि अक्सर जहां महीनों में जहरीले सांप घुसने के फोन कॉल्सआया करते थे, अब एक दिन में दर्जनों कॉल्स 108 के कंट्रोल रूम में आ रही हैं। गर्मी के सीजन के चलते राजधानी देहरादून के अलग-अलग क्षेत्रों में विषैले सांप और जानवर घरों की ओर रुख कर रहे है, जिसके चलते लोगो में डर का माहौल बना हुआ है।


सांपों की समस्या से जूझ रहा वन विभाग


फायर सीजन में जंगलों की आग से जूझ रहा उत्तराखंड वन विभाग सांपों की समस्या से जूझ रहा है। ये समस्या है सांपों की। पिछले दो महीने में वन विभाग तीन सौ से अधिक सांप रेस्क्यू कर चुका है। गर्मियां शुरू होते ही सांप, चूहों ठंडक की तलाश में बिलों से बाहर निकलने शुरू हो जाते हैं। 108 के कंट्रोल का जिम्मा संभाल रहे सुपरवाईजर कमल सिंह का कहना है कि गर्मी के सीजन में आजकल अधिक सूचनाएं जंगली जानवरों और सांपो की आती हैं। जिसके चलते कंट्रोल रूम में बैठे वन विभाग के कर्मचारियों को बताया जाता है कि वन विभाग की रेस्क्यू टीम मौके के लिए रवाना होती है।


यहां करीब 30 से अधिक प्रजाति के सांप पाए जाते हैं 


देहरादून के चंद्रबनी, राजभवन, जाखन, कैनाल रोड़ से पिछले एक हप्ते में वन विभाग को दर्जनों कॉल आ गई। अकेले राजभवन से मार्च से लेकर अभी तक 16 कॉल वन विभाग को आ चुकी हैं। इनमें अधिकतर धामन, कोबरा जैसे सांप घरों में मिलने की सूचना मिल रही है। जिनको देखते ही लोगों की चीख पुकार शुरू हो जाती है। उत्तराखंड में करीब 30 से अधिक प्रजाति के सांप पाए जाते हैं। इनमें भारत में पाए जाने वाले चार सबसे अधिक विषैले प्रजाति के सांपों में से तीन प्रजाति के सांप भी शामिल हैं। मार्च से लेकर अभी तक वन विभाग अकेले देहरादून में घरों से तीन सौ से अधिक सांप रेस्क्यू कर चुका है। इस दौरान देहरादून में रेलवे कॉलोनी से कॉमन सेंड बोवा जैसा दुर्लभ सांप भी रेस्क्यू किया गया है। बच्चे देने वाली प्रजाति का यह सांप उत्तराखंड में अभी तक रिकार्ड नहीं किया गया था, तो ऊषा कॉलोनी से बेहद कम दिखाई देने वाला कैट स्नैक सांप भी एक घर से रेस्कयू किया गया ।