Uttarakhand Forest Employees Fired: उत्तराखंड वन विकास निगम में आउटसोर्सिंग के माध्यम से रखे गए 309 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. उत्तराखंड सरकार के द्वारा हटाए गए आउटसोर्स से रखे गए कर्मचारियों ने इसे अपना उत्पीड़न बताया है. आज जब पूरा देश रक्षाबंधन का त्यौहार मना रहा है, उस वक्त इन 309 कर्मचारियों के घर में चूल्हा नहीं जला. इन कर्मचारियों ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड वन विकास निगम में कर्मचारियों की आवश्यकता होने पर मौजूदा प्रबंधक निदेशक के राव के कार्यकाल में 309 कर्मचारियों को आउटसोर्सिंग के माध्यम से निगम में रखा गया था.
निगम के एचडी के राव आज 31 अगस्त को रिटायर हो रहे हैं लेकिन रिटायरमेंट से एक दिन पूर्व 30 अगस्त की देर शाम उन्होंने एक आदेश जारी कर इन 309 कर्मचारियों को नौकरी से बाहर कर दिया. इन कर्मचारियों की सेवाएं 1 सितंबर से समाप्त कर दी गईं. वन निगम के एचडी के इस आदेश के बाद निगम में कार्यरत सैकड़ों कर्मचारियों के परिवारों में त्यौहार की खुशियां समाप्त हो गईं. इस आदेश की जद में आए कर्मचारियों के चेहरे बेरोजगारी की मार से मुरझा गए हैं. बताया जा रहा है कि पूर्व में कई विभागों में कर्मचारियों की आवश्यकता होने पर संविदा के माध्यम से कर्मचारियों को विभागों में तैनाती दी गई थी.
कई महीनों से नहीं मिला वेतन
बताया जा रहा है कि इन कर्मचारियों के वेतन में लगातार देरी होती थी. कई बार इन कर्मचारियों का वेतन कई-कई महीनों तक नहीं मिलता था. एबीपी लाइव ने भी इस खबर को प्रमुखता से उठाया था जिसमें हमने दिखाया था कि कैसे संविदा पर रखे गए कर्मचारियों की कई महीनों से सैलरी नहीं मिल पाई है. इसको लेकर यह तमाम कर्मचारी आंदोलन भी कर रहे थे. अब इस एक आदेश के बाद इन सभी कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गईं. ऐसे में यह कर्मचारी अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं. देहरादून में भी एक कर्मचारी ने पिछले दिनों कई महीनों से तनख्वाह नहीं मिलने के कारण जहर खा लिया था जिसका इलाज अभी भी देहरादून के अस्पताल में चल रहा है. वन निगम के द्वारा एक झटके में हटाए गए इन कर्मचारियों के आगे अब रोजी-रोटी का संकट आ खड़ा हुआ है. अब इस पूरे मामले को लेकर कर्मचारी संगठन आंदोलन करने की तैयारी कर रहा है.
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