उत्तराखंड वन विभाग ने किया पक्षियों की तस्करी का पर्दाफाश, 47 जिंदा तोते बरामद, दो गिरफ्तार
Parrot Smuggling in Uttarakhand: उत्तराखंड वन विभाग पर्यावरण जीवों के संरक्षण के लिए सतर्क है. वन विभाग ने प्रदेश के खेड़ा में पक्षियों की तस्करी करने वाले तस्करों को गिरफ्तार किया है.
Uttarakhand News Today: उत्तराखंड के जंगलों से तोते की तस्करी करने वाले गिरोह का वन विभाग ने पर्दाफाश किया है. वन विभाग ने रविवार (13 अक्टूबर) को को दो युवकों को 47 जिंदा तोते के साथ गिरफ्तार किया है. तस्कर इन तोतों को यहां के जंगलों से पकड़कर दिल्ली बेचने ले जा रहे थे.
इन तोतों को बाद में वन विभाग ने सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया. दोनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत अलग-अलग धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. मामले में आगे की जांच जारी है.
गुप्त सूचना पर कार्रवाई
उप प्रभागीय वनाधिकारी शशि देव के अनुसार, वन विभाग और सुरक्षा दल की संयुक्त टीम को सूचना मिली थी कि खेड़ा निवासी कुछ युवक जंगल से तोते पकड़कर उन्हें दिल्ली बेचने के लिए ले जा रहे हैं. इस सूचना के आधार पर टीम ने रविवार को खेड़ा में छापेमारी की.
वनाधिकारी शशि देव के मुताबिक, छापेमारी के दौरान टीम ने वार्ड नंबर 17, खेड़ा निवासी नईम रजा पुत्र बाबू रजा के घर से 47 जिंदा तोते बरामद किए हैं. इस छापेमारी के दौरान नईम रजा और रेशमबाड़ी कॉलोनी वार्ड 13 निवासी फिरासत रजा पुत्र जाफर रजा को गिरफ्तार किया गया.
दिल्ली में था बेचने का प्लान
वन विभाग की टीम ने मौके से दो जाल और दो पिंजरे भी बरामद किए, जिनका इस्तेमाल तोतों को पकड़ने और उन्हें कैद रखने के लिए किया जा रहा था. गिरफ्तार किए गए युवकों ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि वे इन तोतों को दिल्ली में बेचने की योजना बना रहे थे.
बता दें, भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत तोते जैसे संरक्षित पक्षियों को पकड़ना, पालना या बेचने की सख्त मनाही है. वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की धारा 9, 11, 39, 50, 51 और 57 के तहत दोनों आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.
वन विभाग की सतर्कता
उप प्रभागीय वनाधिकारी शशि देव ने कहा कि वन्यजीवों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है और जो भी कानून का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि वन विभाग का अभियान आगे भी जारी रहेगा, जिससे वन्यजीवों की तस्करी पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके.
तोतों को जंगल में छोड़ा गया
वन विभाग ने सभी 47 तोतों को बरामद करने के बाद उन्हें जंगल में छोड़ दिया, जिससे वह अपने प्राकृतिक आवास में सुरक्षित रह सकें. तोतों की तस्करी न केवल कानूनन अपराध है, बल्कि यह प्रकृति और पर्यावरण के संतुलन को भी गंभीर रूप से प्रभावित करती है. इन पक्षियों का जंगल से अवैध रूप से पकड़ना और बेचने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए वन विभाग सतर्कता बरत रहा है.
आरोपियों के खिलाफ जांच शुरू
वन विभाग ने आरोपियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या इस अवैध तस्करी में और भी लोग शामिल हैं. तोते जैसे संरक्षित पक्षियों की अवैध तस्करी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और इस तरह के मामलों में लिप्त लोगों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत आरोपियों को कड़ी सजा का प्रावधान है.
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