Uttarakhand News: उत्तराखंड वन विभाग में लंबे समय से प्रमोशन का इंतजार कर रहे राज्य वन सेवा (SFS) के आठ वरिष्ठ अधिकारियों को भारतीय वन सेवा (IFS) में पदोन्नत किया जाएगा. डिपार्टमेंटल प्रमोशन कमेटी (DPC) की बैठक बुधवार शाम को यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC), दिल्ली में आयोजित हुई. इस बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु और प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) धनंजय मोहन ने भाग लिया.


वन विभाग के आठ सीनियर असिस्टेंट कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट (ACF) अफसरों को भारतीय वन सेवा में प्रमोशन मिलने से विभाग को बड़ी राहत मिलेगी. यह प्रमोशन 2020 से 2023 के बीच खाली पदों के लिए किया जा रहा है. डीपीसी की बैठक के बाद इन अधिकारियों को औपचारिक रूप से IFS कैडर में शामिल किया जाएगा. जिन अधिकारियों का प्रमोशन हुआ है उनमें अनिल टम्टा, करुणा निधि भारती, उमेश चंद्र तिवारी, नवीन चंद्र पंत, प्रकाश चंद्र आर्य, रंगनाथ पांडे, देवी प्रसाद बलूनी और ध्रुव सिंह मर्तोलिया का नाम शामिल है.


रेंजर से IFS तक का सफर
प्रमोशन पाने वाले ये अधिकारी वन विभाग में रेंजर के पद से शुरू कर अब भारतीय वन सेवा में शामिल होने जा रहे हैं. यह उपलब्धि न केवल उनके व्यक्तिगत करियर बल्कि विभाग के प्रशासनिक कार्यों के लिए भी अहम है. अनिल टम्टा, जो 30 नवंबर 2024 को रिटायर हो रहे हैं, को उनकी सेवा के आखिरी दिनों में यह बड़ी उपलब्धि मिलने जा रही है. अनिल टम्टा लंबे समय से जलागम विभाग में कार्यरत हैं.


पदोन्नति में देरी का कारण
इन अधिकारियों का प्रमोशन पहले ही हो जाना चाहिए था, लेकिन सीनियरिटी विवाद और कोर्ट मामलों के कारण यह प्रक्रिया अटकी रही. यह मामला साल 2020 से लंबित था. हालांकि, विवाद समाप्त होने के बाद अब शासन ने प्रमोशन की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया है. कुल मिलाकर 22 पद खाली थे, जिनमें से अब 8 पदों पर नियुक्ति की जाएगी. प्रमोशन पाने वाले अधिकारियों में ध्रुव सिंह मर्तोलिया का नाम खास तौर पर चर्चा में है. हाल ही में उन्हें बिनसर वन्यजीव विहार में लगी आग के मामले में निलंबित किया गया था. हालांकि, बाद में उनका निलंबन रद्द कर दिया गया, जिससे उन्हें अब प्रमोशन का लाभ मिल सकेगा.


2020 के रिक्त पदों के लिए अनिल टम्टा, 2021 के लिए करुणा निधि भारती, उमेश चंद्र तिवारी, नवीन चंद्र पंत, प्रकाश चंद्र आर्य और रंगनाथ पांडे तथा 2022 के लिए देवी प्रसाद बलूनी और ध्रुव सिंह मर्तोलिया का चयन किया गया है. प्रमोशन प्रक्रिया को अंतिम रूप देने के लिए UPSC में बुधवार शाम को डीपीसी बैठक आयोजित की गई. बैठक में उत्तराखंड के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. मुख्य सचिव राधा रतूड़ी और प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु के साथ प्रमुख वन संरक्षक धनंजय मोहन ने इस बैठक में विभाग का पक्ष रखा.


प्रमोशन का असर
प्रमोशन के बाद भारतीय वन सेवा में शामिल होने वाले अधिकारी वन विभाग की प्रशासनिक मजबूती को और बढ़ाएंगे. वन संरक्षण, पर्यावरण प्रबंधन और विकास परियोजनाओं में इनके अनुभव का लाभ मिलेगा. उत्तराखंड जैसे राज्य, जहां 65% क्षेत्र वन भूमि से आच्छादित है, में IFS अधिकारियों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है. नए अधिकारियों के आने से विभाग को न केवल नई ऊर्जा मिलेगी, बल्कि कई लंबित परियोजनाओं में तेजी आएगी.


वन विभाग को अक्सर सीमित संसाधनों और अधिकारियों की कमी का सामना करना पड़ता है. इन प्रमोशनों से न केवल प्रशासनिक ढांचा मजबूत होगा, बल्कि विभाग के कार्यों में प्रभावी निर्णय लेने की क्षमता भी बढ़ेगी. वन विभाग में यह प्रमोशन प्रक्रिया राज्य की पर्यावरणीय और वन्यजीव संरक्षण की नीतियों को और मजबूती प्रदान करेगा. लंबे समय से इंतजार कर रहे इन अधिकारियों को आखिरकार उनके कार्यों और सेवाओं का उचित फल मिल रहा है.


ये भी पढे़ं: यमुना एक्सप्रेसवे पर वोल्वो बस और ट्रक के बीच टक्कर, दर्दनाक सड़क हादसे में 5 की मौत