Uttarakhand Monsoon Season Starts: उत्तराखंड (Uttarakhand) में मानसून सीजन में शिकारियों की घुसपैठ की आशंका सबसे अधिक रहती है जिसे देखते हुए वन विभाग अलर्ट हो गया है. जंगलों में शिकारियों की घुसपैठ को रोकने के लिए वन विभाग के अधिकारियों ने जंगलों में हाई अलर्ट जारी कर दिया है. इसके साथ ही जंगलों के अंदर वन विभाग (Forest Department) के कर्मचारियों की गश्त को बढ़ा दिया है. ताकि शिकारियों पर नजर रखी जा सके.
अलर्ट पर वन विभाग के कर्मचारी
दरअसल अक्सर जंगलों में बरसात का मौसम शुरू होते ही शिकारी सक्रिय हो जाते हैं और वन्यजीवों का शिकार करते हैं. जिसे देखते हुए कॉर्बेट पार्क, तराई पश्चिम और रामनगर वनप्रभाग ने वन्यजीवों की सुरक्षा में लगे वन कर्मियों को अलर्ट कर दिया है. शिकारियों की घुसपैठ को रोकने के लिए यूपी व अन्य सवेदनशील क्षेत्रों में ड्रोन और थर्मल कैमरों से भी पार्क पर नजर रखी जा रही है. मानसून सीजन में अधिक बारिश होने पर जंगलों में पर्यटन गतिविधियां नहीं होती. साथ ही झाड़िया भी काफी बड़ी हो जाती है. इसी का फायदा शिकारी उठाते हैं.
दरअसल अक्सर जंगलों में बरसात का मौसम शुरू होते ही शिकारी सक्रिय हो जाते हैं और वन्यजीवों का शिकार करते हैं. जिसे देखते हुए कॉर्बेट पार्क, तराई पश्चिम और रामनगर वनप्रभाग ने वन्यजीवों की सुरक्षा में लगे वन कर्मियों को अलर्ट कर दिया है. शिकारियों की घुसपैठ को रोकने के लिए यूपी व अन्य सवेदनशील क्षेत्रों में ड्रोन और थर्मल कैमरों से भी पार्क पर नजर रखी जा रही है. मानसून सीजन में अधिक बारिश होने पर जंगलों में पर्यटन गतिविधियां नहीं होती. साथ ही झाड़िया भी काफी बड़ी हो जाती है. इसी का फायदा शिकारी उठाते हैं.
ड्रोन और कैमरे से हर कोने पर नजर
कॉर्बेट के डिप्टी डायरेक्टर नीरज शर्मा ने कहा कि पार्क की सभी सीमाओं में गश्त को बड़ा दिया गया है. साथ ही वनकर्मियों को ड्रोन, कैमरा ट्रैप, नाव, हाथियों आदि के साथ गश्त करने को कहा गया है. साथ ही पार्क में बाहरी लोगों की घुसपैठ को पूरी तरह बंद कर दिया गया है. वहीं दूसरी तरफ रामनगर वनप्रभाग के डीएफओ ने बताया कि सभी रेंजों के रेंजरों को गश्त बढ़ाने को कहा गया है. बरसात में रास्ते ख़राब हो जाते हैं इसलिए वनकर्मियों का राशन तैयार कर उन्हें जंगल के अंदर बनी चौकियों में भेजा जा रहा है.
कॉर्बेट के डिप्टी डायरेक्टर नीरज शर्मा ने कहा कि पार्क की सभी सीमाओं में गश्त को बड़ा दिया गया है. साथ ही वनकर्मियों को ड्रोन, कैमरा ट्रैप, नाव, हाथियों आदि के साथ गश्त करने को कहा गया है. साथ ही पार्क में बाहरी लोगों की घुसपैठ को पूरी तरह बंद कर दिया गया है. वहीं दूसरी तरफ रामनगर वनप्रभाग के डीएफओ ने बताया कि सभी रेंजों के रेंजरों को गश्त बढ़ाने को कहा गया है. बरसात में रास्ते ख़राब हो जाते हैं इसलिए वनकर्मियों का राशन तैयार कर उन्हें जंगल के अंदर बनी चौकियों में भेजा जा रहा है.
इस बारे में जब तराई पश्चिम वनप्रभाग के डीएफओ बलवंत शाही से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जंगलों में वनकर्मियों को गश्त को बढ़ाने के साथ ही सीमाओं को सील कर दिया है. उन्होंने बताया कि गश्त में किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए रास्तों को ठीक कराया जा रहा है.
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