Uttarakhand News: उत्तराखंड में सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से धार्मिक इमारत बनाने के मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) के निर्देशों के बाद प्रशासन सख्त हो गया है. वन विभाग द्वारा वनभूमि पर अवैध धार्मिक इमारतों को हटाने की कार्रवाई तेज हो गई है. प्रशासन के द्वारा अब तक 29 मंदिर और 256 अवैध मजारों को वनक्षेत्र से हटाया गया है और करीब 68 हेक्टेयर जमीन को कब्जा मुक्त करने की कार्रवाई की गई है. इसके अलावा कई चिन्हित इमारतों को नोटिस भेजा गया है.
उत्तराखंड में वन विभाग द्वारा प्रदेश भर में वन विभाग की जमीन पर बने अवैध निर्माण के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत अब तक करीब 500 ऐसी धार्मिक इमारतों को चिन्हित किया गया है जो सरकारी जमीन पर बनी हुई हैं. इनमें से 285 इमारतों पर बुलडोजर चलाकर उन्होंने हटा दिया गया है. जबकि बाकि इमारतों को भी नोटिस जारी किया गया है और अवैध निर्माण हटाने के निर्देश दिए गए हैं. ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जा सकती है.
अब तक 285 अवैध अतिक्रमण हटाए गए
वन विभाग के नोडल अधिकारी पराग मधुकर धकाते ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि वनभूमि पर अवैध अतिक्रमण को लेकर प्रभागीय वनाधिकारी और वन क्षेत्राधिकारियों को ऐसे अवैध धर्म स्थल का चिन्हित कर उन्हें हटाने का निर्देश दिए गए हैं. अब तक 68 हेक्टेयर जमीन से धर्मस्थल हटाकर उन्हें कब्जामुक्त कराया गया है. प्रदेश में सबसे ज्यादा अतिक्रमण हरिद्वार, काशीपुर, हल्द्वानी, रामनगर, रुद्रपुर, कोटद्वार और कालसी वन क्षेत्र में पाया गया है. वहीं
कुमाऊं के तराई क्षेत्र में करीब 70 फीसद अवैध धर्मस्थल हैं.
वन विभाग द्वारा ऐसे धर्म स्थलों को चिन्हित कर नोटिस भेजे जा रहे हैं. जिसके बाद उन पर कार्रवाई की जाएगी. प्रशासन की ओर से अतिक्रमण करने वाले भूमाफिया पर मुकदमा दर्ज करने से लेकर 6 महीने की सजा का भी प्रावधान है. स्वयं अतिक्रमण न हटाने पर बुलडोजर से कार्रवाई की जाएगी.
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