Uttarakhand News: उत्तराखंड के सात वन प्रभागों में 1000 एकड़ से अधिक वन भूमि पर वन गुज्जरों की बटाई (अधिया) पर की जा रही खेती को जल्द ही बंद कराया जाएगा. इस संबंध में उत्तराखंड वन विभाग के मुखिया (हॉफ) अनूप मलिक (Anup Malik) ने संबंधित वन अधिकारियों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि वे वन भूमि पर अवैधानिक रूप से की जा रही कृषि बंद कराएं या कार्रवाई के लिए तैयार रहें. इससे पहले, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) और वन मंत्री सुबोध उनियाल (Subodh Uniyal) भी इस मुद्दे को लेकर वन अधिकारियों से अपनी कड़ी नाराजगी व्यक्त कर चुके हैं.


वन भूमि से अवैध कब्जा हटाने के अभियान के नोडल अधिकारी और मुख्य वन संरक्षक पराग मधुकर धकाते ने बताया कि गढ़वाल मंडल के तीन और कुमाऊं मंडल के चार वन प्रभागों में 1000 एकड़ से अधिक वन भूमि पर वन गुज्जरों की तरफ से बटाई/अधिया पर खेती की जा रही है. जंगलों में रहने वाली इस खानाबदोश जाति के लोगों को अपने मवेशियों के लिए चारा उगाने के लिए वन भूमि दी गई थी लेकिन उसपर स्वयं कृषि करने के स्थान पर आगे किसी अन्य व्यक्ति को ‘सबलेट’ (दूसरे व्यक्ति को काम करने के लिए देना) कर रहे हैं जो विधिक रूप अपराध की श्रेणी में आता है.


अधिकारियों को दी गई चेतावनी


धकाते ने बताया कि देहरादून, हरिद्वार, कालसी, लैंसडॉन, तराई पूर्व, तराई पश्चिम, तराई केंद्रीय प्रभागों के वन प्रभागीय अधिकारियों और नियंत्रक अधिकारियों से कहा गया है कि इन क्षेत्रों में अवैध रूप से हो रही कृषि को जल्द बंद करवा कर उन्हें फिर से वन क्षेत्रों के रूप में विकसित किया जाए. अधिकारियों को चेतावनी दी गई है कि ऐसा नहीं होने पर सरकार दंडात्मक कार्रवाई कर सकती है.


ये भी पढ़ें- Uttarakhand Assembly Session: उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र 5 सितंबर से होगा शुरू, अनुपूरक बजट पेश करेगी धामी सरकार