देहरादून: वन विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली पर उठते सवाल कोई पहली बार नहीं है. लगातार उत्तराखंड के वन विभाग के अधिकारी सुर्खियों में बने रहते हैं. इस बार मामला जमीन ट्रांसफर का है जिसमें ना तो केंद्र की तरफ से मंजूरी दी गई और ना ही सेंट्रल जू अथॉरिटी से मंजूरी मिली. इसके बाबत अधिकारियों की लापरवाही और इस रवैया ने तमाम नियमों को ताक पर रख दिया और अधिकारियों के द्वारा 13 करोड़ की बाउंड्री वॉल बनाकर यह मसला सुर्खियों में छाया हुआ है. पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए गए थे इसके चलते वन मंत्री हरक सिंह रावत ने प्रमुख संरक्षक राजीव भरतरी को रिपोर्ट तलब की है.


इस मामले में अभी तक हल्द्वानी जू एंड सफारी पर वन विभाग ने करोड़ों खर्च कर दिए हैं वह भी सिर्फ बाउंड्री वॉल बनाने में. हालांकि काम की गुणवत्ता के थर्ड पार्टी से ऑडिट कराने के लिए 3 करोड़ का भुगतान रोका गया है लेकिन जल्दबाजी में इस बाउंड्री वॉल को बनवाने से अधिकारियों पर सवाल खड़े हो रहे हैं. आरटीआई के द्वारा मांगे गए सवालों के जवाब का अभी इंतजार किया जा रहा है.


अधिकारी मान रहे हैं कि अनुमति न मिले या अगले तीन-चार साल लगे तो बाउंड्रीवाल काफी खराब हो जाएगी जिसके चलते 13 करोड़ रुपए का नुकसान वन विभाग को झेलना पड़ेगा. आखिरकार इस पूरे प्रकरण में किन अधिकारियों की लापरवाही है वह तो अभी जांच की जा रही है लेकिन हरक सिंह रावत ने इस मसले पर नाराजगी जताते हुए रिपोर्ट तलब की है.


हल्द्वानी में जू एंड सफारी बनाने के लिए यह प्रोजेक्ट चल रहा है


आपको बताते चलें कि हल्द्वानी में जू एंड सफारी बनाने के लिए यह प्रोजेक्ट चल रहा है. इसके लिए अब तक न सेंट्रल ज़ू अथॉरिटी की फाइनल मंजूरी मिली है और न ही वन भूमि हस्तांतरित हो पाई है इसके बावजूद अफसर मनमानी करते हुए यहां काम कराने में जुटे हुए हैं. सूत्रों की माने यह प्रकरण वन विभाग में वरिष्ठ दंपत्ति की ओर से सुर्खियों में छाया हुआ है. जल्द ही इस मामले में अधिकारियों की लापरवाही को लेकर मंत्री कार्यवाही कर सकते है.


हल्द्वानी में बन रहे इस बड़े प्रोजेक्ट पर अधिकारियों की ओर पलीता लगाया जा रहा है और लोगो के सपने को फिर से बड़ा झटका लगा है. यदि जू बनता तो हल्द्वानी अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र में पर्यटन के रूप में अच्छे पायदान पर होता. लेकिन लंबे समय से मझधार में लटके इस प्रोजेक्ट पर अभी अधिकारी पलीता लगा रहे हैं. अब वन मंत्री हरक सिंह रावत का कड़ा रुख और नाराजगी के बाद इस पूरे प्रोजेक्ट में हुई लापरवाही पर मंत्री कार्यवाही करने के लिए मांगी गई रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं.


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