Uttarakhand Politics: 'सरकार को चार दिन में ही गैरसैंण में लग गई ठंड', सत्र जल्दी पूरा करने पर पूर्व CM हरीश रावत का तंज
Uttarakhand Budget Session: विपक्ष के नेता सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कह रहे हैं कि साल में 60 दिन विधानसभा आयोजित होनी चाहिए, लेकिन अमूमन विधानसभा साल भर में 20 दिन से कम ही चल पा रही है.
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Dehradun News: उत्तराखंड (Uttarakhand) का सियासी पारा गैरसैंण विधानसभा बजट सत्र समाप्त होने के बाद और गर्म हो गया है. ऐसा पहली बार नहीं है जब गैरसैंण में निर्धारित समय से पहले सत्र को समाप्त किया गया हो, ये तो उत्तराखंड में एक परंपरा सी हो चली है. इस बार भी 13 मार्च से 18 मार्च तक गैरसैंण में सत्र होना था लेकिन चार दिन में ही सत्र सिमट कर रह गया. पूर्व सीएम हरीश रावत ने ट्वीट कर सरकार पर तंज कसा है. हरीश रावत ने लिखा कि सरकार को चार दिन में ही गैरसैंण में ठंड लग गई है.
पूर्व सीएम हरीश रावत का कहना है कि गैरसैंण में सरकार को 4 दिन में ही ठंड लग गई और सरकार देहरादून रवाना हो गई. इसके अलावा विपक्ष के नेता सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कह रहे हैं कि साल में 60 दिन विधानसभा आयोजित होनी चाहिए, लेकिन उत्तराखंड में अमूमन विधानसभा साल भर में 20 दिन से कम ही चल पा रही है जो कि ठीक परंपरा नहीं है.
विपक्ष ने सरकार को जमकर घेरा
उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने तो सत्र समाप्ति होने के बाद ही गैरसैंण में बयान देते हुए कहा कि सरकार ने जल्दी में सत्र खत्म किया है. विपक्ष के सवालों और जनहित से जुड़े मुद्दों का जवाब सरकार नहीं देना चाहती थी, इसलिए सत्र को जल्दी समाप्त किया गया है. सरकार बीजेपी की है तो कांग्रेस आरोप लगा रही है, लेकिन दोनों ही पार्टियां कभी भी विधानसभा के सत्र को लेकर गंभीर नहीं रही. सत्र की समय अवधि से पहले समाप्त करने की परंपरा दोनों ही निभाते आए हैं.
गैरसैंण उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी जरूर है, लेकिन जिस तरीके से ग्रीष्मकाल में ही गैरसैंण में कड़ाके की ठंड पड़ रही थी, उससे लगता है कि अगर यही हाल रहा तो ग्रीष्मकाल में भी गैरसैंण में सत्र करना बड़ी चुनौती रहेगी. साथ ही हफ्ते भर से ज्यादा सत्र गैरसैंण में कभी देखने को भी मिलेंगा या नहीं, ये भी एक सवाल है. गैरसैंण का भविष्य क्या है इस पर तो कुछ कहा नहीं जा सकता लेकिन बीजेपी और कांग्रेस के लिए ये एक सियासत का केंद्रबिंदु जरूर बनकर रह गया है.
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