Harish Rawat On Hindenburg Report: अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की ओर से सेबी (SEBI) पर लगाए गए गंभीर आरोपों के मामले पर भारत में सियासत गरमा गई है. शॉर्ट-सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट ने भारत में एक बार फिर खलबली मचा दी है. रिपोर्ट में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के प्रमुख के खिलाफ कई आरोप लगाए गए हैं. इस बीच अब कांग्रेस के दिग्गज नेता और उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने प्रतिक्रिया दी है. 


कांग्रेस के दिग्गज नेता और उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा, “उन्होंने (हिंडनबर्ग) उस संस्था के बारे में गंभीर बातें कही हैं जिसके पास नियमों की जिम्मेदारी है. संस्था की प्रमुख और उनके पति पर अडानी ग्रुप के साथ मिलीभगत के ये गंभीर आरोप हैं. यह इसकी विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठाता है और यही कारण है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसकी जांच के लिए जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) की मांग की है, ”उत्तराखंड के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता हरीश रावत कहते हैं कि अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने सेबी चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल पर वित्तीय कदाचार का आरोप लगाया है.


हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में क्या कहा गया?


अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने शनिवार बाजार नियामक सेबी की प्रमुख माधवी बुच के खिलाफ एक दावा किया था. हिंडनबर्ग ने आरोप लगाते हुए कहा कि सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की उन उन ऑफशोर कंपनियों में हिस्सेदारी रही है, जो अदानी समूह की वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ी हुई थीं.


कांग्रेस ने की जांच की मांग 


अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद सेबी चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने एक बयान जारी किया था. दोनों ने बयान जारी कर हिंडनबर्ग की तरफ से लगाए गए आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया था. इसके बाद अदाणी समूह की तरफ से एक बयान जारी कर इन आरोपों का खारिज कर दिया गया. तो वहीं कांग्रेस ने देश के शीर्ष अधिकारियों की कथित मिलीभगत का पता लगाने और ‘घोटाले’ की पूरी जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति गठित करने की भी मांग की है.


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