अगला चुनाव नहीं लड़ेंगे पूर्व सीएम हरीश रावत? कहा- 'यदि मेरी भूमिका...'
उत्तराखंड में बीते चुनावों के दौरान पार्टी के खराब प्रदर्शन और हार के बाद अब पूर्व सीएम हरीश रावत ने खुद चुनाव नहीं लड़ने के संकेत दे दिए हैं. उन्होंने इससे जुड़े सवाल पर प्रतिक्रिया दी है.
Uttarakhand News: बीते दो लोकसभा चुनाव और दो विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस को उत्तराखंड में बड़ी हार का सामना करना पड़ा है. दोनों विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के लिए मुख्य चेहरे को तौर पर पूर्व सीएम हरीश रावत ही रहे हैं. लेकिन अब अटकलें हैं कि वह अगला चुनाव नहीं लड़ेंगे. इसके संकेत उन्होंने अपने बयान में दे दिए हैं.
आगामी उत्तराखंड विधानसभा चुनाव(2027) में चुनाव न लड़ने के सवाल पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत से सवाल हुआ. इसपर हरीश रावत ने कहा, 'मैं पार्टी के लिए काम करूंगा. मैंने देखा है कि जब भी मैं प्रचारक की भूमिका में रहा हूं तब मेरी भूमिका ज्यादा असरदार रही है. 2022 में भी मेरी यही इच्छा थी लेकिन बहुत देर बाद मेरे चुनाव लड़ने की बात हुई.'
पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा, 'मैं समझता हूं कि यदि मेरी भूमिका बतौर प्रचारक होगी तो मैं पार्टी के लिए ज्यादा बेहतर काम कर पाउंगा.' दरअसल, साल 2000 से जब से उत्तराखंड राज्य उत्तर प्रदेश से अलग हो कर एक नया राज्य बना था तब से ही उत्तराखंड की राजनीति बड़ी दिलचस्प रही है. प्रदेश की राजनीति में कई उतार चढ़ाव आए है.
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साल 2016 में उत्तराखंड राज्य में कांग्रेस की सरकार थी. उसके मुख्यमंत्री उस समय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत थे. उनकी सरकार बीच में ही गिर गई थी. इसके घाव आज तक नहीं भरे हैं. बीते दिनों एक बार फिर हरीश रावत ने साल 2016 में सरकार गिरने की पीड़ा पर बयान दिया. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने 2016 में उनकी सरकार गिराए जाने की पीड़ा को सार्वजनिक करते हुए सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट किया है.
अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट में वीडियो में हरीश रावत ने कहा था कि 2016 में हमारी सरकार गिराई गई और कुछ बड़े बड़े लोग पार्टी से टूटकर चले गए. उनके इस कदम से अकेले हरीश रावत को नुकसान नहीं उठाना पड़ा, बल्कि इसका खामियाजा भाजपा और जनता को भी भुगतना पड़ा है.