Uttarakhand Politics: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत (Teerath Singh Rawat) ने मसूरी में एक बड़ा बयान दिया है. दरअसल उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) चंपावत (Champawat) से दमखम के साथ चुनाव लड़ेंगे और जिन्होंने सीट छोड़ी है उनके द्वारा, उनके लिए भी सीट छोड़ने का पेशकश की थी और वह भाजपा के सच्चे सिपाही है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चंपावत की सीट भारी मतों से जीतेंगे.


पूर्व सीएम कहा कि चंपावत और प्रदेश की जनता विकास चाहते हैं क्योकि भारतीय जनता पार्टी की सरकार के द्वारा ही देश और प्रदेश का विकास किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उत्तराखड से विशेष लगाव है. वे उत्तराखंड के विकास के लिये लगातार काम किये जा रहे हैं. साथ ही तीरथ सिंह रावत ने कहा कि देहरादून का हवाई अड्डा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनने जा रहा है, वह देहरादून जॉली ग्रांट हवाई अड्डा अटल जी की देन है. उन्होंने कहा कि पूरे देश में रोड के जाल को मजबूत किया जा रहा है और दूरियां बहुत ज्यादा कम हो गई है, लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में बहुत कम समय लग रहा है और देश की जनता काफी खुश है.


चंपावत से उपचुनाव लडेंगे सीएम पुष्कर सिंह धामी


सीएम धामी की तारीफ करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी युवा के साथ कर्मठ और जुझारू हैं, जिनके नेतृत्व में प्रदेश चौमुखी विकास करेगा. बता दें कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चंपावत विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव लड़ेंगे. चंपावत विधायक कैलाश गहतोड़ी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. चंपावत विधानसभा सीट मुख्यमंत्री धामी की परंपरागत सीट खटीमा से लगी हुई है. साथ ही विधानसभा के मैदानी क्षेत्र बनबसा व टनकपुर क्षेत्र में पिथौरागढ़ जनपद के रहने वाले मतदाताओं की संख्या काफी अधिक है.


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धामी को खटीमा सीट से हार का सामना करना पड़ा था


फरवरी में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने उत्तराखंड विधानसभा की 70 में से 47 सीटें जीतकर प्रदेश में लगातार दूसरी बार सत्ता में आने का इतिहास रचा लेकिन जीत की अगुवाई करने वाले धामी को खटीमा सीट से हार का सामना करना पड़ा. लेकिन बीजेपी ने एक बार फिर धामी को ही मुख्यमंत्री बनाया. हालांकि, छह महीने के भीतर सदन का सदस्य निर्वाचित होना धामी के लिए एक संवैधानिक बाध्यता है और इसी कारण उन्हें उपचुनाव लड़ना है.


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