Devbhoomi News: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि देवभूमि विकास संस्थान संगठन है, मुख्यमंत्री के बनने के बाद इसका प्रयोग नहीं किया गया ताकि इसका कोई राजनीतिक इस्तेमाल ना हो. पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि पूर्व में रिसपाना नदी का सफाई अभियान इस संस्थान के माध्यम से चलाया गया था. रिसपाना नदी को साफ रखने के लिए नदी की सफाई की गई थी और नदी में गंदगी के साथ पॉलिथीन को भी उठाया गया था ताकि नदी साफ हो सके.


वहीं त्रिवेंद्र सिंह रावत के अनुसार अब तक इस संगठन के माध्यम से कोरोना काल में 2 हजार से ज्यादा यूनिट ब्लड डोनेट किया गया है. जिससे हजारों लोगों की जान बचाई जा चुकी है. डेंगू के समय में भी संगठन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. 31 अगस्त को संगठन के लोगों की बैठक बुलाई थी, जिसके बाद डेंगू से लड़ने के लिए 3 सितंबर को 182 लोगों ने रक्तदान भी किया था. जिससे सैकड़ों लोगों की जान बचाई जा सकी. उन्होंने कहा कि 1146 लोगों के द्वारा 11 केंपो के माध्यम से रक्तदान कराया जा चुका है लेकिन इस सब में मालूम हुआ कि कैंप में पहुंची बहुत सी हमारी बेटियां रक्त की कमी के कारण रक्त डोनेट नहीं कर पाई हैं. जोकि एक चिंता का विषय है हमारी बेटियों में आखिर क्यों खून की कमी हो रही है, यह एक बहुत ही चिंता का विषय है. इसकी जानकारी हमें रक्तदान शिविर के दौरान ही हो पाई है.


पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि हम जल्द ही रक्तदान के लिए एक बड़ा कैंप 1 अक्टूबर से लगाने जा रहे हैं. जिसके लिए अभी तक 1000 हजार से ज्यादा लोग आने हैं. ऐसे में अनुमान है कि 700 से अधिक लोग रक्तदान करेंगे, जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर राज्यपाल शिरकत करेंगे और विशिष्ठ अतिथि स्वास्थ्य मंत्री मौजूद रहेंगे. पहाड़ी क्षेत्र भी इस बार डेंगू की चपेट में आ चुका है जिससे हजारों लोग प्रभावित हो रहे हैं. इस रक्त दान शिविर के माध्यम से उन सभी लोगो को मदद मिलेगी जिनको खून की या प्लैटलेट की जरूरत है.


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