Uttarakhand News: खानपुर विधायक उमेश कुमार के कार्यालय पर फायरिंग के मामले में गिरफ्तार पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन की न्यायिक हिरासत 14 दिन और बढ़ा दी गई है. गुरुवार को उन्हें जिला अस्पताल से एंबुलेंस के जरिए कोर्ट लाया गया, जहां वे व्हीलचेयर पर पेश हुए. मामले में जांच अधिकारी ने हत्या के प्रयास की धारा हटाकर गैर इरादतन हत्या के प्रयास की धारा में चार्जशीट दाखिल की, जिससे अब चैंपियन को राहत मिलने की संभावनाएं बढ़ गई हैं.


बीती 27 जनवरी को खानपुर विधायक उमेश कुमार के कार्यालय पर फायरिंग की घटना के बाद पूर्व विधायक चैंपियन को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया था. प्रारंभिक जांच के बाद उन पर हत्या के प्रयास (धारा 307) का मुकदमा दर्ज किया गया था. जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया था.


पूर्व विधायक ने हत्या के प्रयास की धारा हटाने की मांग की
15 फरवरी को जेल में अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई. खूनी दस्त की शिकायत के बाद उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां वे अब तक उपचाराधीन हैं. इसी दौरान उनके अधिवक्ताओं ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल कर हत्या के प्रयास की धारा हटाने की मांग की थी. कोर्ट ने इस मामले में रिमांड नामंजूर करते हुए जांच सीओ स्तर के अधिकारी से कराने का आदेश दिया था


मामले की जांच का जिम्मा रुड़की के सीओ नरेंद्र पंत को सौंपा गया था. जांच के बाद पुलिस ने हत्या के प्रयास की धारा हटाकर गैर इरादतन हत्या के प्रयास की धारा जोड़ी. गुरुवार को कोर्ट में इसी आधार पर चार्जशीट दाखिल की गई. इसके साथ ही, चैंपियन को पेश करने के लिए अस्पताल से एक मेडिकल टीम एंबुलेंस में उन्हें कोर्ट लेकर आई. व्हीलचेयर के सहारे उन्हें कोर्ट रूम तक पहुंचाया गया, जहां सुनवाई के बाद उनकी न्यायिक हिरासत 14 दिन के लिए और बढ़ा दी गई. इसके बाद उन्हें दोबारा जिला अस्पताल भेज दिया गया.



कुंवर सिंह चैंपियन को जल्द मिल सकता है न्याय
गंभीर धाराओं में बदलाव होने के बाद चैंपियन को कोर्ट से राहत मिलने की उम्मीद बढ़ गई है. उनके अधिवक्ता शुक्रवार को जमानत याचिका दाखिल करेंगे. अगर कोर्ट से जमानत मंजूर हो जाती है, तो चैंपियन जल्द ही जेल से बाहर आ सकते हैं. अब यह देखना होगा कि अभियोजन पक्ष इस याचिका का किस तरह विरोध करता है और कोर्ट इस पर क्या फैसला सुनाता है.


चैंपियन के अधिवक्ता का कहना है कि उनके मुवक्किल के खिलाफ जो धाराएं लगाई गई थीं, वे तथ्यात्मक रूप से गलत थी. जांच के बाद पुलिस ने खुद माना कि हत्या के प्रयास की मंशा नहीं थी, इसलिए धाराओं में बदलाव किया गया. इस आधार पर जमानत याचिका दायर की जा रही है और उन्हें जल्द ही न्याय मिलेगा.


आरोपी को उचित दंड दिया जाए- अभियोजन पक्ष
वहीं, अभियोजन पक्ष का कहना है कि भले ही धारा बदली गई हो, लेकिन आरोपी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य हैं. कोर्ट में मजबूत पैरवी की जाएगी ताकि आरोपी को जमानत न मिले और कानून के तहत उचित दंड दिया जाए. अब देखना होगा कि कोर्ट जमानत याचिका पर क्या फैसला सुनाती है?


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