1971 की जंग जीती लेकिन सिस्टम से हारा वीर योद्धा, भरी बारिश में ऐसे निकली अंतिम यात्रा
Uttarakhand News: दानीजाला गांव में लगभग 20 परिवार रहते हैं, फिर भी यहां आज तक झूला पुल की मांग पूरी नहीं हो पाई है. पुल नहीं होने कारण आज बारिश के बाद एक बुजुर्ग के अंतिम संस्कार में देरी हो गई.
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Uttarakhand Today News: हल्द्वानी के रानीबाग स्थित दानी जाला गांव में हाल ही में मूसलाधार बारिश के चलते एक बुजुर्ग के अंतिम संस्कार में देरी हो गई. गांव वालों को शहर की ओर जाने के लिए ब्रिज की कमी का सामना करना पड़ा, जिसके कारण शव को भारी बारिश के बीच केबल ट्रॉली के माध्यम से लाया गया. गौला नदी के उफान पर होने के चलते गांव तक पहुंचना बेहद कठिन हो गया था.
गांववासियों का कहना है कि दशकों से उनकी इस समस्या की अनदेखी की जा रही है. 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भाग लेने वाले वीर योद्धा गोपाल जंग बस्नेत का हाल ही में निधन हो गया. 78 वर्षीय गोपाल जंग की बीमारी के बाद मृत्यु हो गई. उनके दो बेटे सेना में सेवारत हैं.
झूला पुल की मांग पूरी नहीं होने पर ग्रामीणों ने जताई नाराजगी
दानीजाला गांव में लगभग 20 परिवार रहते हैं, लेकिन फिर भी यहां आज तक झूला पुल की मांग पूरी नहीं हो पाई है. हल्द्वानी शहर के पास बसे इस गांव ने ब्रिटिश आर्मी से लेकर अब तक भारतीय सेना में देश की सेवा की है. वर्तमान में भी यहां एक दर्जन से अधिक युवा सेना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इसके बावजूद, गांव के बुनियादी अधिकारों की पूर्ति नहीं हो पाई है.
गांव वालों ने सरकार पर आरोप लगाया है कि उनकी उपेक्षा की जा रही है और वे बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं. उन्होंने सरकार से शीघ्र समाधान की अपील की है ताकि भविष्य में ऐसी समस्याओं का सामना न करना पड़े.
गांव में पुल की मांग पुरानी, लेकिन आज तक नहीं हुई पूरी
इस घटना के संदर्भ में एबीपी लाइव के द्वारा डीएम नैनीताल वंदना सिंह से जानकारी ली गई तो उन्होंने इस मामले से आण्विकता जताई तो वहीं हमने हल्द्वानी के एसडीएम परितोष वर्मा तथा नैनीताल के एसडीएम प्रमोद से भी इस मामले में जानकारी लेने की कोशिश की, तो किसी के भी पास इस मामले में कोई जानकारी नहीं मिली. मतलब एक 1971 की जंग में देश के लिए लड़े फौजी की मौत की जानकारी भी स्थानीय प्रशासन के पास मौजूद नहीं मिली. वहीं इस गांव में पुल की मांग काफी पुरानी है, लेकिन आज तक ये पूरी नहीं हो पाई है.
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