Uttarakhand News: उत्तराखंड में अंत्योदय कार्ड धारकों को तोहफा, साल में तीन रसोई गैस सिलेंडर मुफ्त मिलेंगे
Antyodaya Card Uttarakhand: राज्य के मुख्य सचिव एस एस संधु ने पत्रकारों को बताया कि इस निर्णय से प्रदेश के 1,84,142 अंत्योदय कार्ड धारक लाभान्वित होंगे. इस पर कुल 55 करोड़ रुपये का भार होगा.
Antyodaya Card Uttarakhand: उत्तराखंड सरकार ने अंत्योदय कार्ड धारकों के लिए बड़ा फैसला लिया है. उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार को अंत्योदय कार्ड धारकों को साल में रसोई गैस के तीन सिलेंडर निशुल्क देने का निर्णय किया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में यहां हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया.
1,84,142 अंत्योदय कार्ड धारक लाभान्वित
मंत्रिमंडल के बैठक के बाद राज्य के मुख्य सचिव एस एस संधु ने पत्रकारों को बताया कि इस निर्णय से प्रदेश के 1,84,142 अंत्योदय कार्ड धारक लाभान्वित होंगे. इस पर कुल 55 करोड़ रुपये का भार होगा. उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने पूर्व की तरह ही इस बार भी गेहूं की खरीद पर किसानों को 20 रूपए प्रति क्विंटल बोनस देने का निर्णय भी लिया है.
जो कहा सो किया- मुख्यमंत्री
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने ट्वीट करते हुए लिखा, "जो कहा सो किया! चुनाव पूर्व जनता के समक्ष रखे गए दृष्टि पत्र में किए गए वादे को पूर्ण करते हुए प्रदेश के सभी अंत्योदय कार्ड धारकों को प्रतिवर्ष तीन गैस सिलिंडर मुफ्त दिए जायेंगे." वहीं बीजेपी ने धामी मंत्रिमंडल के अंत्योदय कार्ड धारकों को निशुल्क रसोई गैस सिलेंडर देने के निर्णय का स्वागत करते हुए इसे ऐतिहासिक और कल्याणकारी सरकार की अवधारणा के अनुकूल बताया है.
हांलांकि, कांग्रेस ने इसे 31 मई को होने वाले चंपावत उपचुनाव के लिए लागू आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए कहा है कि वह चुनाव आयोग से इस संबंध में शिकायत करेगी. उपचुनाव में मुख्यमंत्री धामी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
Chardham Yatra 2022: हफ्तेभर में 26 यात्रियों की मौत से उठ रहे सवाल, अब किए जा रहे ये इंतजाम
कांग्रेस ने मतदाताओं को प्रभावित करने का लगाया आरोप
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि सरकार ने यह निर्णय मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए लिया है और हम इसके खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत करने जा रहे हैं. फरवरी में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने 70 में से 47 सीटें जीतकर प्रदेश में लगातार दूसरी बार सत्ता में आने का इतिहास रचा. दरअसल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खटीमा से हार गए थे. उन्हें छह महीने के अंदर चुनाव जीतकर विधायक बनना पड़ेगा.
हांलांकि, बीजेपी ने एक बार फिर धामी पर भरोसा व्यक्त करते हुए उन्हें मुख्यमंत्री बनाया लेकिन पद पर बने रहने के लिए उन्हें शपथ ग्रहण करने से छह माह के भीतर विधायक बनना जरूरी है. जिसके लिए वह चंपावत से उपचुनाव लड रहे हैं. धामी ने 23 मार्च को दूसरी बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण किया था.