देहरादून: उत्तराखंड के चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में रविवार को हिमखंड के टूटने से अलकनंदा और इसकी सहायक नदियों में अचानक आई विकराल बाढ़ के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि नदी के बहाव में कमी आई है जो राहत की बात है. हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है.


रावत ने ट्वीट किया, ''मैंने अपने सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है और स्थिति का सीधे तौर जायजा लेने के लिए प्रभावित क्षेत्र में पहुंच गया हूं. सरकार के सभी स्तरों पर चमोली जिला प्रशासन की मदद की जा रही है. घबराने की कोई बात नहीं है. मैं सभी से अफवाहों पर यकीन नहीं करने की अपील करता हूं.'' उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ''वर्तमान में कोई अतिरिक्त जल प्रवाह नहीं देखा जा रहा है और कहीं भी बाढ़ की स्थिति नहीं है. जल सैलाब नंदप्रयाग से आगे निकल गया है और नदी सामान्य स्तर से एक मीटर ऊपर बह रही है. अलकनंदा के किनारे के स्थित गांवों में कोई नुकसान नहीं हुआ है.''


 





त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्वीट में कहा, ''राज्य के मुख्य सचिव, आपदा प्रबंधन विभाग और मेरी टीम नियंत्रण केंद्र में मौजूद है और वास्तविक समय के आधार पर स्थिति की निगरानी कर रही है और उन्हें निर्देश दिया गया है कि वे उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं.''


इससे पहले रावत ने ट्वीट कर कहा था, ''राहत की खबर ये है कि नंदप्रयाग से आगे अलकनंदा नदी का बहाव सामान्य हो गया है. नदी का जलस्तर सामान्य से अब एक मीटर ऊपर है लेकिन बहाव कम होता जा रहा है. राज्य के मुख्य सचिव, आपदा सचिव, पुलिस अधिकारी एवं मेरी समस्त टीम आपदा कंट्रोल रूम में स्थिति पर लगातार नज़र रख रही है.''


नदियों में आई बाढ़ के बाद गढ़वाल क्षेत्र में अलर्ट जारी कर दिया गया है और चमोली जिले के निचले इलाकों में खतरा देखते हुए राज्य आपदा प्रतिवादन बल और जिला प्रशासन को सतर्क कर दिया गया है.


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