Uttarakhand Investors Summit 2023: उत्तराखंड इंवेस्टर समिट का दिल्ली में हुआ कर्टेन रेजर, CM धामी बोले- '2.5 लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य'
Uttarakhand Investors Summit: उत्तराखंड में महिंद्रा हॉलीडेज एंड रिसोर्ट इंडिया लिमिटेड अगले तीन महीने में 1000 करोड़ के निवेश के साथ अलग-अलग स्थानों पर 45 रिजोर्ट स्थापित करने जा रहा है.
Uttarakhand Global Investors Summit 2023: उत्तराखंड में ग्लोबल इंवेस्टर समिट के कर्टेन रेजर के मौके पर गुरुवार को आईटीसी (ITC) ने 5000 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव राज्य सरकार को दिया. महिंद्रा हॉलीडेज एंड रिसोर्ट इंडिया लिमिटेड (Mahindra Holiday & Resorts India Limited) के साथ 1000 करोड़ और ई-कुबेर के साथ 1600 करोड़ रुपये के निवेश का एमओयू किया गया. पहले ही दिन इतने बड़े निवेश प्रस्ताव पर सहमति यह दिखाती है कि निवेशक उत्तराखंड को लेकर कितने ज्यादा उत्सुक हैं और सरकार भी कितनी तत्पर है.
महिंद्रा हॉलीडेज एंड रिसोर्ट इंडिया लिमिटेड उत्तराखंड में अगले तीन महीने में 1000 करोड़ के निवेश के साथ अलग-अलग स्थानों पर 45 रिजोर्ट स्थापित करने जा रहा है. इससे 1500 लोगों के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे. पूरे देश में यह महिंद्रा हॉलीडेज एंड रिसोर्ट इंडिया लिमिटेड का किसी भी राज्य में सबसे बड़ा निवेश है.
दिल्ली में हुआ कर्टेन रेजर कार्यक्रम
उत्तराखंड में आगामी दिसंबर महीने में आयोजित होने वाले ग्लोबल इंवेस्टर समिट को लेकर नई दिल्ली स्थिति होटल ताजमहल में कर्टेन रेजर कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया. सीएम ने अपने संबोधन में डेस्टिनेशन उत्तराखंड-ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट-2023 के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उत्तराखंड एक युवा राज्य के रूप में तेजी से उभर रहा है जहां उद्योगों के लिए अपार संभावनाएं हैं. राज्य में ईज आफ डूइंग बिजनेस के साथ-साथ पीस आफ डूइंग बिजनेस भी है. उत्तराखंड राज्य में कार्यरत उद्योगों में श्रमिक असंतोष की घटनाएं न के बराबर हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे के साथ-साथ सुगम व्यवसायिक वातावरण तैयार करने के विजन के साथ सरकार काम कर रही है. राज्य में अलग-अलग क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देने के लिए विशेष नीतियां लागू करने के साथ ही आकर्षक वित्तीय प्रोत्साहन की व्यवस्था की गई है. इन नीतियों में प्रमुख रूप से पर्यटन नीति-2023, एमएसएमई नीति-2023, स्टार्टअप नीति-2023, लॉजिस्टिक्स नीति-2023, निजी औद्योगिक आस्थानों की स्थापना के लिए नीति-2023 शामिल हैं.
धामी सरकार ने अगले पांच सालों के लिए रखा ये लक्ष्य
सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड को प्राकृतिक विरासत के साथ राष्ट्र में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में विकसित करने के लिए सरकार संकल्पवद्ध है. राज्य की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिए सशक्त उत्तराखंड मिशन लॉन्च किया गया है, जिसके तहत अगले 5 सालों में राज्य की एसजीडीपी को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है. राज्य की ओर से इस लक्ष्य की प्राप्ति की कड़ी के रूप में उत्तराखंड ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट-2023 का आयोजन किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 1200 से अधिक ऐसे अधिनियमों को चिन्हित किया है, जो वर्तमान में अनुपयोगी हैं और इनमें से लगभग 500 अधिनियमों को सिंगल रिपील एक्ट के माध्यम से विलोपित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में वर्तमान में लगभग 6000 एकड़ का लैंड बैंक अलग-अलग सेक्टर के उद्योगों की स्थापना के लिए उपलब्ध है. राज्य में रेल, रोड और एयर कनेक्टिविटी में लगातार सुधार हुआ है.
देहरादून और पंतनगर एयरपोर्ट का हो रहा विस्तार
उत्तराखंड के सीएम ने कहा कि देहरादून एयरपोर्ट से अलग-अलग शहरों के लिए सीधी वायु सेवा उपलब्ध हो गई है. देहरादून और पंतनगर एयरपोर्ट का विस्तार भी किया जा रहा है. रेलवे नेटवर्क के विकास और उन्नयन के तहत ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेललाईन निर्माण का कार्य प्रगति पर है. राज्य में चार धाम यात्रा को सुगम बनाने के लिए ऑल वेदर रोड का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है.
सीएम ने कहा कि राज्य के उद्यमी ही हमारे ब्रांड एंबेसडर हैं और राज्य में निवेश बढ़ाने में उनकी सबसे अधिक सहभागिता है. हमारी सरकार सरलीकरण, समाधान, निस्तारण और संतुष्टि के आधार पर कार्य कर रही है और यह तभी संभव है, जब उद्योग संघों से निरंतर संवाद कर उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए. उन्होंने कहा कि काशीपुर में अरोमा पर्क, सितारगंज में प्लास्टिक पार्क, काशीपुर में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर और अमृतसर कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की स्थापना की दिशा में प्रभावी कदम उठाये गए हैं.
धार्मिक पर्यटन को मिलेगा और बढ़ावा
धामी ने कहा कि राज्य में पर्यटकों और श्रद्वालुओं की सुविधा के लिए सभी स्थलों पर नवाचार के माध्यम से सुविधाओं का विकास किया जा रहा है निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भी नीति निर्धारित की गई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी पौराणिक स्थलों के विकास का हमारा लक्ष्य है. चारधाम आदिकैलाश की भांति कुमाऊं क्षेत्र के मंदिरों का मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत सर्किट बनाया जा रहा है. इसमें राज्य में धार्मिक पर्यटन को और अधिक बढ़ावा मिलेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि में कर्म करना हम सबका सौभाग्य है. राज्य का वातावरण पूर्णतः उद्यमियों के अनुकूल है. उत्तराखंड का 71 प्रतिशत भूभाग वनों से आच्छादित हैं. हेल्थ वेलनेस के साथ ऊर्जा का भी यह श्रोत है. उन्होंने कहा कि केदारनाथ आपदा के बाद आज भव्य केदार बन गया है. शीघ्र ही केदारनाथ और हेमकुण्ड साहिब के लिए रोपवे का निर्माण हो जाएगा.
गढ़वाल-कुमाऊं मंडलों में बसाया जाएगा एक-एक शहर
सीएम धामी ने आगे कहा कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में गढ़वाल और कुमाऊं मंडलों में एक-एक शहर बसाया जाएगा. हरिद्वार ऋषिकेश में गंगा कॉरिडोर का निर्माण के साथ हर की पैड़ी की भांति महाभारत काल की भांति यमुना की भी आरती के लिए कालसी के पास हरिपुर में घाट निर्माण का शिलान्यास किया गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड ने राज्य में उत्पादित/निर्मित 09 उत्पादों में जीआई टैग हासिल किए हैं. इन जीआई टैगों में कुमांऊ ब्यूरो ऑयल, मुनस्यारी राजमा भोटिया दन, एपण रिंगाल, ताम्र उत्पाद, धुलमा, तेजपत्ता तथा बासमती चावल शामिल हैं. राज्य सरकार की ओर से नेटल (बिच्छू घास), पिछौड़ा, आर्टिस्टिक कैण्डल मुखौटा और मंदिर प्रतिकृत आदि कुछ अन्य उत्पादों में जीआई टैग के लिए आवेदन किया गया है.
ईज आफ डूईंग बिजनेस रैंकिंग में उत्तराखंड 8वें स्थान पर
उन्होंने कहा कि उद्योग संवर्द्धन और आंतरिक व्यापार विभाग की ‘ईज आफ डूईंग बिजनेस’ रैंकिंग में साल 2022 की रैंकिंग में उत्तराखंड राज्य एचीवर्स श्रेणी में (8वें स्थान पर) शामिल है, जबकि नीति आयोग की ओर से जारी साल 2022 के निर्यात तैयारी सूचकांक में उत्तराखंड राज्य हिमालयी राज्यों में प्रथम स्थान पर, जबकि पूरे देश में 9वें स्थान पर है. उद्योग संवर्द्धन और आंतरिक व्यापार विभाग की LEADS रैंकिंग में साल 2022 की रैंकिंग में उत्तराखंड राज्य एचीवर्स श्रेणी में शामिल है. इसी प्रकार स्टार्टअप रैंकिंग में ‘लीडर’ श्रेणी में शामिल है.
सीएम धामी ने कहा कि राज्य में निवेश प्रोत्साहन और संवर्द्धन के लिए उद्योग निदेशालय स्तर पर एक समर्पित इंवेस्टर फैसिलिटेशन सेल की स्थापना की है, जो निवेशकों/व्यवसायियों के लिए ‘वन स्टॉप शॉप’ के रूप में डेडीकेटेड हैंडहोल्डिंग सपोर्ट उपलबध करा रहा है. 05.00 करोड़ रुपये से अधिक के पूंजी निवेश करने वाले उद्यमियों के लिए एक डेडीकेटेड रिलेशनशिप मैनेजर की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. निवेशकों को उद्योगों की स्थापना के लिए अपेक्षित अनुमोदन/अनुज्ञा/स्वीकृति के लिए राज्य में ऑनलाईन सिंगल विंडो क्लीयरेंस पोर्टल investuttarakhand.uk.gov.in की स्थापना की गई है.
'उत्तराखंड निवेश के लिए उद्यमियों के लिए बेहतर डेस्टीनेशन'
मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.संधु ने बताया कि उत्तराखंड निवेश के लिए उद्यमियों के लिए बेहतर डेस्टीनेशन हैं. दिल्ली-एनसीआर के नजदीक होने के नाते बेहतर सड़क सुविधाओं के विकास की ओर से यह दूरी जल्द ही ढाई घंटे में पूरी होने वाली हैं. इसी प्रकार हरिद्वार, कोटद्वार, रूद्रपुर, काशीपुर, टनकपुर के लिए भी सड़क सुविधाओं से यहां की दूरी भी कम समय में तय हो सकेगी. पर्यावरण की दृष्टि से भी उत्तराखंड उद्योगों के अनुकूल है. हमारे प्रदेश में पानी का कोई विवाद नही हैं बिजली की पर्याप्त उपलब्धता है. राज्य के बेहतर इकोसिस्टम से लोग राज्य के प्रति आकर्षित हो रहे हैं.
अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि राज्य में देश के अलग-अलग प्रदेशों की उद्योग और निवेश से संबंधित नीतियों का अध्ययन कर नीति तैयार की गई है. उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक उद्यमी राज्य से जुड़े, इसके लिए उद्योगों के अनुकूल नीतियां और सुविधाओं के विकास पर ध्यान दिया जा रहा है.
इंवेस्टर समिट के लिए सरकार पूरी तरह से तैयार
उत्तराखंड ग्लोबल इंवेस्टर समिट के लिए सरकार पूरी तरह से तैयार है. समिट को लेकर विदेश में पहला अंतरराष्ट्रीय रोड शो 25 सितंबर से 28 सितंबर तक लंदन में होगा. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इसमें शामिल होंगे. इसके बाद अक्टूबर के पहले हफ्ते में सिंगापुर और ताइवान में रोड शो होंगे. वहीं दुबई और आबूधाबी में 16 से 20 अक्टूबर तक रोड शो के जरिए विदेशी निवेशकों को उत्तराखंड में निवेश के लिए आकर्षित किया जाएगा.
विदेश में होने वाले रोड शो में राज्य सरकार की ओर से अधिकारियों की टीम भी जाएगी. इसके बाद देश में 3 अक्टूबर को पहला रोड शो दिल्ली में आयोजित होगा, उसके बाद 6 और रोड शो होंगे, जो अहमदाबाद, चंडीगढ़, मुंबई, बेंगलुरू, चेन्नई और हैदराबाद में आयोजित होंगे. राज्य सरकार की ओर से निवेशक सम्मेलन के माध्यम से कम से कम ढाई लाख करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रखा गया है.
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