38वें राष्ट्रीय खेलों में फिक्सिंग का बड़ा मामला, ताइक्वांडो में 3 लाख में बेचा जा रहा था गोल्ड मेडल, IOA ने लिया सख्त एक्शन
उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेलों में फिक्सिंग का मामला सामने आया है. जहां ताइक्वांडो प्रतियोगिता में मेडल बेचने और मैच फिक्सिंग के आरोप लगे हैं. IOA ने इस मामले में DOC प्रवीण कुमार को हटा दिया है.

38th National Game: उत्तराखंड में चल रहे 38वें राष्ट्रीय खेलों (National Games 2024) में एक बड़ा फिक्सिंग मामला सामने आया है. ताइक्वांडो प्रतियोगिता में मेडल बेचे जाने और मैच फिक्सिंग के आरोप लगे हैं. जिसके बाद इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (IOA) ने कड़ी कार्रवाई की है. आईओए की गेम टेक्निकल कंडक्ट कमेटी (GTCC) ने इस मामले में ताइक्वांडो के डायरेक्टर ऑफ कंपटीशन (DOC) प्रवीण कुमार को हटाने का फैसला लिया है.
यह मामला खेलों के शुरू होने से ठीक पहले उजागर हुआ, जिसके चलते प्रवीण कुमार को उनके पद से हटाकर दिनेश कुमार को नया डायरेक्टर ऑफ कंपटीशन नियुक्त किया गया है. इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन ने इसको लेकर प्रवीण कुमार की कड़ी निंदा की है. इस खुलासे के बाद इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (IOA) ने सख्त कार्रवाई करते हुए GTCC की सिफारिशों को स्वीकार किया और ताइक्वांडो के डायरेक्टर ऑफ कंपटीशन प्रवीण कुमार को हटा दिया. उनकी जगह दिनेश कुमार को यह जिम्मेदारी सौंपी गई.
मेडल की खरीद-फरोख्त का मामला
38वें राष्ट्रीय खेलों में ताइक्वांडो प्रतियोगिता हल्द्वानी में आयोजित हो रही है. लेकिन इसके शुरू होने से पहले ही मैच फिक्सिंग और मेडल की खरीद-फरोख्त के आरोप सामने आए. इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन की GTCC समिति ने इस मामले की जांच की और पाया कि कुछ अधिकारी पहले से ही मेडल के नतीजे तय करने में शामिल थे. गोल्ड मेडल के लिए 3 लाख रुपये, सिल्वर मेडल के लिए 2 लाख रुपये और ब्रॉन्ज मेडल के लिए 1 लाख रुपये की मांग की जा रही थी.
राष्ट्रीय खेलों की अखंडता बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है. पूर्व डायरेक्टर ऑफ कंपटीशन के खिलाफ हमें कई शिकायतें मिली थीं. यह भी सामने आया कि उन्होंने खेलों के स्वयंसेवकों के चयन में हेरफेर किया था और कुछ राज्य संघों के पदाधिकारियों तथा उपकरण विक्रेताओं को अनुचित रूप से नामित किया था.
IOA हेरफेर बर्दाश्त नहीं करेगा
भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की अध्यक्ष पीटी उषा ने भी इस मामले पर कड़ी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा, "हम सभी खिलाड़ियों के लिए निष्पक्षता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं. यह बेहद चौंकाने वाला और दुखद है कि राष्ट्रीय खेलों के मेडल्स की सौदेबाजी पहले ही की जा रही थी. IOA किसी भी तरह की हेरफेर या भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेगा और जो भी इसमें दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी."
इस जांच में यह भी सामने आया कि भारतीय ताइक्वांडो महासंघ (Taekwondo Federation of India) के कुछ अधिकारी 16 भार वर्गों में से 10 में पहले ही नतीजे तय कर चुके थे. यानी इन मुकाबलों में खिलाड़ियों की मेहनत से ज्यादा पैसे का असर पड़ रहा था. IOA के मुताबिक, ताइक्वांडो की कुल 16 क्योरूगी और 10 पूमसे प्रतियोगिताएं 4 से 8 फरवरी तक हल्द्वानी में होनी हैं. लेकिन इन प्रतियोगिताओं के नतीजे पहले ही तय कर दिए गए थे, जिससे पूरे आयोजन की निष्पक्षता पर सवाल उठने लगे.
इस तरह की घटनाओं से खिलाड़ियों का मनोबल टूटता है
राष्ट्रीय खेलों को देश के सबसे बड़े खेल आयोजन के रूप में देखा जाता है, जहां से कई खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुने जाते हैं. लेकिन इस तरह की फिक्सिंग और भ्रष्टाचार की घटनाएं भारत में खेलों की साख पर बट्टा लगाती हैं. इस तरह की घटनाओं से युवा खिलाड़ियों का मनोबल टूटता है और खेलों की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं. अगर IOA और सरकार इस तरह की फिक्सिंग पर सख्त कदम नहीं उठाएंगे, तो भविष्य में भारत के खेलों की छवि धूमिल हो सकती है."
IOA ने मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. ताइक्वांडो महासंघ की भूमिका की भी जांच की जाएगी, ताकि पता चल सके कि इस गड़बड़ी में कौन-कौन शामिल था. भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए नए दिशा-निर्देश बनाए जा सकते हैं.
प्रवीण कुमार को हटाकर दिनेश कुमार को नियुक्त
उत्तराखंड में चल रहे 38वें राष्ट्रीय खेलों में ताइक्वांडो की प्रतियोगिता शुरू होने से पहले ही मैच फिक्सिंग और मेडल खरीद-फरोख्त का मामला सामने आना बेहद गंभीर है. इस घोटाले में शामिल ताइक्वांडो महासंघ के कुछ अधिकारियों द्वारा 3 लाख रुपये में गोल्ड मेडल बेचने की बात सामने आई है, जिससे राष्ट्रीय खेलों की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो गए हैं.
IOA ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए DOC प्रवीण कुमार को हटाकर उनकी जगह दिनेश कुमार को नियुक्त किया है. साथ ही, इस मामले की गहन जांच जारी है. अब देखना होगा कि क्या इस मामले में और भी बड़े नाम सामने आते हैं या यह कार्रवाई केवल कुछ लोगों तक सीमित रह जाएगी. लेकिन इतना तय है कि यह घोटाला भारतीय खेलों की साख को गहरा धक्का पहुंचा सकता है.
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