Rishabh Pant बने उत्तराखंड के ब्रांड एंबेसडर, सीएम धामी बोले- नई पीढ़ी को मिलेगी प्रेरणा
उत्तराखंड सरकार ने भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी ऋषभ पंत को राज्य का ब्रांड एम्बेसडर नियुक्त किया है. इसको लेकर आज दिल्ली में उन्हें सम्मानित भी किया गया.
Uttarakhand News: उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand Govt) ने क्रिकेटर ऋषभ पंत (Rishabh Pant) को राज्य का ब्रांड एंबेसडर (Brand Ambassador) घोषित किया है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सीएम पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने पंत को उत्तराखंड ब्रांड एंबेसडर के रूप में सम्मानित किया. उन्होंने मीडिया से बातचीत में बताया कि उन्होंने यह फैसला क्यों किया है.
नई पीढ़ी को प्रेरित करेंगे पंत - सीएम धामी
पुष्कर धामी ने इस सम्मान कार्यक्रम के दौरान बताया कि इस फैसले का मकसद यह है कि कमजोर तबके के युवा समझ पाएंगे कि अगर इच्छाशक्ति हो तो कुछ भी हो सकता है. उन्होंने कहा, 'अभाव में लोग कैसे आगे बढ़ते हैं उसके लिए वह रोल मॉडल हैं. ऐसे लोगों को उन्होंने दिखाया है कि इच्छाशक्ति दृढ़ है तो कोई भी बाधा रोक नहीं सकती. उन्होंने पूरी दुनिया में मुकाम बनाया है, हिंदुस्तान का नाम रोशन किया है. देवभूमि के लाल हैं. हमारी सरकार ने उन्हें ब्रांड एंबेसडर नियुक्त करने का फैसला किया है. इनसे नई पीढ़ी प्रेरणा लेगी.'
इस दौरान सीएम धामी ने ऋषभ पंत की उपलब्धियों को भी गिनाया. उन्होंने कहा, '18 साल की उम्र में ऋषभ पंत ने दिल्ली में रणजी ट्रॉफी से करियर की शुरुआत की थी. दूसरी पारी में अर्धशतक बनाया था. 2016 में अंडर 19 वर्ल्ड कप के लिए नामित किए गए. बांग्लादेश 2016 अंडर 19 में 267 रन बनाए और दूसरा सबसे ज्यादा रन बनाने वाले दूसरे भारतीय व्यक्ति बने. यह अपने छक्के के लिए भी मशहूर हैं.'
सभी तरह के खेल को मिलना चाहिए महत्व - पंत
कार्यक्रम के दौरान ऋषभ पंत ने भी अपनी बात रखी और इस अवसर के लिए सरकार के प्रति आभार जताया. उन्होंने कहा, 'मैं सीएम सर का बहुत आभारी हूं कि अपने राज्य का प्रतिनिधित्व करने का मौका दिया. राज्य के लिए कुछ करने का मौका नहीं मिला था, उत्तराखंड में काफी प्रतिभा है. क्रिकेट के अलावा भी दूसरे खेल हैं. अभी कॉमनवेल्थ में कई मेडल आए हैं. सभी खेलों पर ध्यान देने की जरूरत है. सभी खेल को महत्व मिलना चाहिए. सर (सीएम धामी) की मदद लेकर सभी खेल और यूथ को प्रेरित करने की कोशिश करेंगे.'
ये भी पढ़ें -
Gonda News: इस गांव में 66 साल से नहीं मनाया जाता है रक्षाबंधन का त्योहार, वजह जानकर हो जाएंगे हैरान