कोरोना संक्रमण को लेकर सतर्क हुई उत्तराखंड सरकार, दो दिन में हुई सात अतिरिक्त अस्पतालों की व्यवस्था
उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच प्रदेश सरकार ने पिछले दो दिनों में सात अतिरिक्त अस्पतालों की व्यवस्था की है. जिसमें 739 बिस्तरों की संख्या का विस्तार किया गया है. वहीं डीआरडीओ की मदद से 1400 और बिस्तर जल्द ही उपलब्ध हो जाएंगे.
देहरादून. उत्तराखंड में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मद्देनजर प्रदेश सरकार ने पिछले दो दिनों में सात अतिरिक्त अस्पतालों की व्यवस्था करते हुए 739 बिस्तर बढ़ाए हैं. जबकि डीआरडीओ की मदद से 1400 और बिस्तर जल्द ही उपलब्ध हो जाएंगे. स्वास्थ्य सचिव पंकज कुमार पाण्डेय ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रदेश में रेमडेसिवीर इंजेक्शन का पर्याप्त कोटा है और रैपिड एंटीजन जांच की दर घटाकर 300 कर दी गई है. पाण्डेय ने बताया कि राज्य सरकार ने दो दिनों में सात मिड लेवल अस्पतालों की व्यवस्था की है जिसके बाद 700 ऑक्सीजन सपोर्टेड बिस्तर, 39 आईसीयू बिस्तर और दो वेंटीलेटर और बढ़ गए हैं.
उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में 12 कोविड अस्पताल, 62 डेडीकेटेड कोविड सेंटर और 385 कोविड केयर सेंटर काम कर रहे हैं. राज्य के अस्पतालों में 17 हजार के करीब बिस्तर हैं जिनमें से 5500 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड, 1302 आईसीयू बेड, 774 वेंटिलेटर कोविड के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं.
हल्द्वानी और ऋषिकेश में बनेंगे 500-500 बिस्तर की क्षमता वाले दो अस्थाई अस्पताल
पाण्डेय ने कहा कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के केंद्र सरकार से अनुरोध के बाद डीआरडीओ की मदद से कुमांऊ क्षेत्र के हल्द्वानी और गढ़वाल क्षेत्र के ऋषिकेश में 500-500 बिस्तर की क्षमता वाले दो अस्थाई अस्पताल बनने जा रहे हैं. एक अस्पताल हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज परिसर में बनेगा जिसे सुशीला तिवारी अस्पताल संचालित करेगा जबकि आईडीपीएल ऋषिकेश में बनने वाला अस्पताल एम्स ऋषिकेश संचालित करेगा.
पाण्डेय ने बताया कि हल्द्वानी में बनने वाले अस्थाई अस्पताल में 400 ऑक्सीजन बिस्तर और 100 आईसीयू बिस्तर होंगे जबकि जबकि आईडीपीएल ऋषिकेश में 500 ऑक्सीजन सपोर्टेड बिस्तर होंगे. इसके अतिरिक्त राज्य सरकार की मदद से एम्स ऋषिकेश में 100 आईसीयू बिस्तर अलग से बनाए जाएंगे.
जौलीग्रांट में तैयार होंगे ऑक्सीजन सपोर्टेड 400 बिस्तर
उन्होंने बताया कि हिमालय अस्पताल जौलीग्रांट में भी डीआरडीओ की मदद से ऑक्सीजन सपोर्टेड 400 बिस्तर तैयार हो जाएंगे. उन्होंने कहा, ' हमें उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों के भीतर डीआरडीओ की मदद से ऑक्सीजन और आईसीयू सपोर्टेड 1400 नए बिस्तर तैयार हो जाएंगे.' सचिव ने कहा कि प्रदेश में रेमडेसिवीर इंजेक्शन की पर्याप्त व्यवस्था है और राज्य सरकार ने केंद्र को पत्र लिखते हुए अतिरिक्त इंजेक्शन की भी मांग की है. उन्होंने कहा कि दवाओं की कालाबाजारी के लिए नियंत्रण कक्ष बनाया गया है और इंजेक्शन और ऑक्सीजन सिलेंडर के दाम तय कर दिए गए हैं.
13 जिलों के लिए रवाना 132 एंबुलेंस
पाण्डेय ने कहा कि सरकार ने कोविड संबंधी व्यवस्थाओं के लिए नोडल अधिकारी तैनात कर दिए हैं जबकि सरकार ने रैपिड एंटीजन टेस्ट की दर को भी कम करते हुए अब मात्र 300 रू कर दिया है. इससे पहले, दिन में मुख्यमंत्री रावत ने 132 एंबुलेंस को सभी 13 जिलों के लिए रवाना किया. इनमें 36 एडवांस लाइफ सपोर्ट एवं 96 बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस हैं.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जनता से कोविड गाइड लाइन का पूरी तरह से पालन करने की अपील करते हुए सजग रहने की जरूरत बतायी और कहा कि लक्षण आते ही जांच कराएं और अपना इलाज कराएं. रावत ने फिर दोहराया कि जनता को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह से हालात पर नजर बनाए हुए हैं. प्रदेश में गुरुवार को भी 6251 नए कोविड मामले दर्ज किए गए जो एक दिन में अब तक का सर्वाधिक आंकडा है.
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