(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Uttarakhand: पर्यटन कर्मियों को मिलने वाली आर्थिक मदद के लिए आवेदन शुरू, कारोबारी खुश नहीं
कोरोना महामारी के चलते उत्तराखंड में पर्यटन व्यवसाय को बड़ा नुकसान पहुंचा है. इस सेक्टर की मदद के लिये राज्य सरकार ने मदद देने का एलान किया है.
Uttarakhand Tourism Dehradun: उत्तराखंड में राज्य सरकार की ओर से पर्यटन कर्मियों को मिलने वाली आर्थिक मदद के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू हो गई है. साथ ही शासन द्वारा जारी आदेश की कॉपी प्रदेश के सभी जिला पर्यटन अधिकारी को भी भेज दी गई है. जिला पर्यटन अधिकारी द्वारा रजिस्टर्ड पर्यटन कर्मियों से आवेदन मांग लिए गए हैं.
राहत देने की कोशिश
उत्तराखंड में अधिकांश लोगों का व्यवसाय पर्यटन से जुड़ा है. लेकिन कोरोना की वजह से पिछले डेढ़ सालों से पर्यटन गतिविधियां पूरी तरह से बंद हैं. जिससे पर्यटन व्यवसाय से जुड़े तमाम लोगों के सामने रोजी-रोटी का भी संकट खड़ा हो गया है. ऐसे में सरकार ने पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों को राहत देने की कोशिश की है. राज्य में पर्यटन कारोबार से जुड़े तकरीबन पचास हजार कर्मियों को ढाई हजार रूपये प्रतिमाह की आर्थिक मदद देने का निर्णय लिया. जिसमें दो महीने के 5000 रुपये एकमुश्त सीधे खाते में जाएंगे. इससे सरकार पर तकरीबन 25 से 30 करोड़ का अतिरिक्त भार पड़ेगा. इसके लिए जिला स्तर पर ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई हैं. जिला पर्यटन अधिकारी यशपाल चौहान ने बताया कि, देहरादून में तकरीबन 14 हजार पर्यटन कर्मी हैं. जिन पर तकरीबन सात करोड़ खर्च होगा जिसके लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू हो गए हैं.
कारोबारी खुश नहीं
वहीं, सरकार की इस मदद से पर्यटन कारोबारी बहुत खुश तो नहीं हैं, लेकिन कर्मचारियों के हित के लिए होटल व्यापरियों और अन्य पर्यटन कारोबारियों ने ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है. उनका कहना है कि, कोरोना की वजह से पिछले लम्बे समय से दिक्क़ते रही हैं, लेकिन सरकार हल्की मदद देने का प्रयास किया है, जिसके लिए ऑनलाइन आवेदन करने शुरू कर दिए हैं.
बीते दो सालों से कारोबार चौपट
उत्तराखंड पूरी तरह से पर्यटन पर टिका प्रदेश है. यहां की आर्थिकी की पर्यटन से जुड़ी है और यहां पर्यटन गतिविधियां ना हो तो लोगों का व्यवसाय चौपट हो जाता है. कोरोना की वजह से बीते दो सालों से यही हो रहा है. लोगों का पर्यटन व्यवसाय पूरी तरह चौपट है. लोग इन दिनों वित्तीय संकट से जूझ रहे हैं. इस वित्तीय संकट से उबारने के लिए सरकार ने आर्थिक मदद का फैसला जरूर लिया है, लेकिन ये उन कारोबारियों के लिए पर्याप्त नहीं है जो सालों से वित्तीय संकट से जूझ रहे हैं.
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