Uttarakhand Schools News: उत्तराखंड सरकार वेद, पुराण, उपनिषद, गीता और रामायण जैसे ग्रंथों को स्कूली पाठयक्रम में शामिल करने पर विचार कर रही है. राज्य सरकार के एक मंत्री ने इसकी जानकारी दी. प्रदेश के शिक्षा मंत्री डा धनसिंह रावत ने दून विश्वविद्यालय में हुए एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि छात्रों को अपनी संस्कृति और समृद्ध ज्ञान परंपरा के बारे में जानकारी होनी चाहिए और इसलिए इन ग्रंथों की सामग्री को शैक्षिक पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने पर विचार हो रहा है.
इस संबंध में उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में स्कूल पाठ्यक्रम राज्यों को तैयार करना है. मंत्री ने हालांकि, साफ किया कि इस बारे में कोई भी निर्णय लेने से पहले आम लोगों और अभिभावकों के भी सुझाव लिए जाएंगे.
जानें क्या कहते हैं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष?
उधर, इस बारे में संपर्क किए जाने पर उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि अपनी संस्कृति के बारे में पढाए जाने में कोई बुराई नहीं है लेकिन अच्छा होगा कि शिक्षा मंत्री इससे पहले स्वयं प्रदेश की शख्सियतों का अध्ययन कर लें. उन्होंने कहा, 'वेद, संस्कृति से हमारा कोई विरोध नहीं है. जो इन्हें पढ़ना चाहता है, उसे यह मौका मिलना चाहिए लेकिन जबरदस्ती कुछ नहीं होना चाहिए.'
हालांकि, उन्होंने कहा कि इससे पहले उत्तराखंड के छात्रों को प्रदेश के बारे में पूरी जानकारी देनी चाहिए और इसके अलावा, सरकार को रोजगार परक शिक्षा पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए जिससे बच्चे अपनी आजीविका कमा सकें.
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