उत्तराखंड: सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए सरकार का नया प्लान, जानिए क्या है तैयारी
Uttarakhand News: उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाओं की गंभीरता के मद्देनजर, राज्य सरकार ने एक नई समग्र नीति की घोषणा की है. इस नीति का उद्देश्य उत्तराखंड को 'जीरो एक्सीडेंट जोन' के रूप में विकसित करना है.
Uttarakhand News: उत्तराखंड राज्य में सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ चिंताजनक स्तर पर है. खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में जहां सड़कों की स्थिति और सुरक्षा उपायों की कमी से दुर्घटनाओं की गंभीरता बढ़ जाती है. उत्तराखंड जैसे संवेदनशील राज्य में सड़क दुर्घटनाओं की गंभीरता का आकलन प्रति 100 घटनाओं में मृत्यु की संख्या के आधार पर होता है, जो यहां 62.2 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत से कहीं अधिक है. हाल के वर्षों में तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है.
हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य स्थापना दिवस पर नई समग्र नीति की घोषणा की है. जिसका उद्देश्य उत्तराखंड को 'जीरो एक्सीडेंट जोन' के रूप में विकसित करना है.उम्मीद है कि यह नई नीति दुर्घटनाओं पर प्रभावी रूप से अंकुश लगाने में कारगर साबित होगी. वहीं राज्य को सड़क सुरक्षा के मामले में एक आदर्श राज्य बनाएगी. इस नीति का उद्देश्य विभिन्न विभागों के बीच समन्वय स्थापित करना और एक समग्र दृष्टिकोण से दुर्घटनाओं को रोकना है.
दुर्घटनाओं की गंभीरता और संवेदनशीलता
उत्तराखंड के कई पहाड़ी क्षेत्रों में एक साथ 10 से 15 लोगों की जान लेने वाले हादसों की संख्या भी कम नहीं है.हाल ही में अल्मोड़ा जिले के सल्ट क्षेत्र में हुए एक बस हादसे में 36 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि इसके पूर्व पौड़ी के धुमाकोट में भी एक भीषण दुर्घटना में 48 लोगों की जान चली गई थी.राज्य के दुर्घटनाओं के आंकड़े चिंताजनक हैं,जो दर्शाते हैं कि यहां सड़क दुर्घटनाओं की गंभीरता राष्ट्रीय औसत से अधिक है.
नई समग्र नीति एक आवश्यक कदम
उत्तराखंड में सड़क सुरक्षा के लिए मौजूदा नीति 2016 में लागू की गई थी, लेकिन तब से इंफ्रास्ट्रक्चर और वाहनों की संख्या में काफी वृद्धि हो चुकी है. यातायात के बदलते स्वरूप और बढ़ते पर्यटकों की संख्या के मद्देनजर नई नीति की आवश्यकता महसूस की जा रही थी. इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण और दुर्घटनाओं से बचाव के लिए एक समग्र नीति का निर्माण करने का निर्णय लिया है. इस नीति के तहत विभिन्न विभागों की जिम्मेदारियां और भूमिकाएं स्पष्ट रूप से तय की जाएंगी.
इस नई समग्र नीति में परिवहन, रोडवेज, पुलिस, लोक निर्माण और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त भूमिका तय की गई है.हर विभाग की कुछ प्रमुख जिम्मेदारियां निर्धारित की गई हैं:
1. परिवहन विभाग: राज्य में वाहनों की जांच, फिटनेस, और आयु सीमा को तय करेगा और इन मानकों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करेगा.वाहनों के ओवरलोडिंग और ओवरस्पीडिंग पर नियंत्रण रखने के साथ ही नए यातायात नियमों को लागू करेगा.
2. रोडवेज: राज्य में परिवहन सेवाओं का विस्तार करेगा, खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में नई बसों की व्यवस्था करेगा ताकि सुरक्षित परिवहन सुविधाएं उपलब्ध हों.
3. पुलिस: यातायात नियमों का सख्ती से पालन करवाएगी. ओवरलोडिंग, ओवरस्पीडिंग, और अन्य यातायात उल्लंघनों पर सख्त कार्रवाई करेगी. पुलिस विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माने के साथ कड़ी कार्रवाई हो.
4. लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी): संवेदनशील क्षेत्रों में सड़कों की नियमित मरम्मत और चौड़ीकरण करेगा. साथ ही क्रैश बैरियर, पैराफिट, और ब्लैक स्पॉट हटाने का काम करेगा, ताकि दुर्घटना संभावित क्षेत्रों को सुरक्षित बनाया जा सके.
5. स्वास्थ्य विभाग: दुर्घटना के बाद घायलों तक तुरंत उपचार सुविधा पहुंचाने के लिए रेस्पॉन्स टाइम को कम करेगा. इसके तहत दुर्घटना स्थल के पास आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं स्थापित की जाएगी, ताकि दुर्घटना के बाद तुरंत उपचार मिल सके.
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