खादी को देश-विदेश में पहचान दिलाने के लिये उत्तराखंड सरकार का बड़ा प्लान, ऑनलाइन होगा बाजार
उत्तराखंड सरकार खादी को लोगों के बीच लोकप्रिय बनाने के लिये विशेष प्रयास कर रही है. इसके तहत पर्यटक स्थलों पर आउटलेट खोले जाने की योजना है.
देहरादून: उत्तराखंड में खादी के उत्पादों की मार्केटिंग के लिए ऑनलाइन मार्केटिंग प्रक्रिया शुरू होने जा रही हैं, ताकि उत्तराखंड के खादी के उत्पादों को देश विदेश में पहचान मिल सके. साथ ही खादी के उत्पादों की बिक्री के लिए पर्यटक स्थलों हरिद्वार, नैनीताल, ऋषिकेश, मसूरी समेत कई जगह आउटलेट खोलने के निर्देश दिए गए. विभागीय मंत्री ने खादी के उत्पादों में गुणवत्ता का विशेष ध्यान दिए जाने के निर्देश दिए, ताकि मार्केटिंग को बढ़ावा मिल सके.
पर्यटक स्थलों पर खोले जाएंगे खादी के आउटलेट
औद्योगिक विकास और ग्रामोद्योग मंत्री गणेश जोशी ने आज विधानसभा में सभी अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. समीक्षा बैठक में खादी ग्रामोद्योग के उत्पादों की बिक्री के लिए पर्यटक स्थलों पर आउटलेट खोलने पर विचार किया गया. वहीं, खादी उत्पादों की ऑनलाइन मार्केटिंग को प्रोत्साहित करने पर भी सहमति बनी. विभागीय मंत्री गणेश जोशी ने खादी ग्राम उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी देने के निर्देश दिए. जोशी ने खादी ग्रामोद्योग में तैयार की गई टावेल, हैंड टावेल, बैड सीट का ब्राॅड तैयार करने के निर्देश देने के साथ ही कहा कि, राज्य सरकार के विभागों में खादी सामाग्री के आपूर्ति के लिए अभियान चलाया जाय. इसके साथ ही स्थानीय रोजगार को प्रोत्साहित करने के लिए महिला उधमियों और रिटायर्ड सैनिकों के लिए रोजगार प्रोत्साहन योजना बनाई जाय.
अधिक से अधिक रोजगार उपल्ब्ध कराया जाएगा
इसके साथ ही बैठक में उद्योग क्षेत्र में युवाओं को अधिक से अधिक संख्या में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मंत्री ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए जोशी ने अधिकारियों को कहा कि, पहाड़ पर औद्योगिकीकरण की योजना का रोड मैप तैयार किया जाए. इस संबंध में काशीपुर में 33 करोड लागत से प्लास्टिक पार्क, हरिद्वार में मेडिकल डिवाईस पार्क, सेलाकुई में फार्मा फेज 2, सितारगंज में इलेक्ट्रानिक पार्क, काशीपुर में अरोमा पार्क और उधमसिंह नगर में एथानाल प्लांट बनाया जायेगा. जिसके माध्यम से दस हजार लोगों को रोजगार दिया जायेगा. इसके लिए केन्द्र सरकार को भी प्रस्ताव भेजा जायेगा. सिंगल बिन्डो सिस्टम को अधिक कारगर बनाते हुए अधिकतम 15 दिनों के भीतर आनापत्ति दे दी जाय.
ये भी पढ़ें.