Uttarakhand Excise Policy News: उत्तराखंड सरकार ने आबकारी नीति 2022/23 को फिलहाल स्थगित कर दिया है. इस नीति के अनुसार किसी भी उत्तराखंड निवासी को अपने घर में 50 लीटर तक शराब रखने का अधिकार मिल गया था जिसके लिए एक लाइसेंस उत्तराखंड सरकार से लेना पड़ता है. इसकी कीमत सालाना 12000 रुपये होती है.


इस लाइसेंस को लेने के बाद कोई भी उत्तराखंड निवासी अपने घर में 50 लीटर शराब रख सकता था. उसमें शर्त थी कि घर के जिस क्षेत्र में बार बनाया जाता वहां घर के 21 साल तक के किसी भी लड़के या लड़की को जाने की इजाजत नहीं होगी. इसके लिए बार लाइसेंस लेने के समय एक शपथ पत्र सरकार को देना पड़ता. तभी ये बार लाइसेंस दिया जाता. 


आबकारी नीति का हुआ विरोध


इस पॉलिसी के आने के बाद प्रदेश भर में इसका विरोध शुरू हो गया था. लगातार लोग इस पॉलिसी का विरोध कर रहे थे और इस खबर को एबीपी न्यूज़ ने प्रमुखता से दिखाया था. खबर दिखाने के 24 घंटे के अंदर ही उत्तराखंड सरकार ने अपनी पॉलिसी को स्थगित कर दिया. 


विधायक ने जताई थी नाराजगी 


इस मामले पर कोई भी अधिकारी अभी नहीं बोल रहा है जबकि उत्तराखंड सरकार में विधायक विनोद चमोली ने भी इस पॉलिसी से नाराजगी जताई थी. उनका कहना था कि वह खुद शराब के विरोधी हैं और इस प्रकार की पॉलिसी किस लिहाज से बनाई गई है यह उनकी समझ के परे है. बीजेपी विधायक खजनदास ने भी इस विषय पर बोलने से साफ इनकार कर दिया था. उनका कहना था कि वह इस विषय पर नहीं बोल सकते क्योंकि वह इस पॉलिसी के बारे में कुछ नहीं जानते.


फिलहाल उत्तराखंड सरकार ने इस पॉलिसी को स्थगित कर दिया है ताकि विवाद अधिक न बढ़े. सरकार ने आदेश जारी कर कहा कि उत्तराखंड आबकारी नीति विषयक नियमावली 2023 के नियम-13.11 (व्यक्तिगत बार हेतु अनुज्ञापन) को अग्रिम आदेशों तक स्थगित किया जाता है. 


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