Tungnath Temple: उत्तराखंड के तुंगनाथ मंदिर में पानी का रिसाव हो रहा है, जिससे स्थानीय लोग और श्रद्धालु चिंतित हैं. यह मंदिर पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व का है और इसे भारत के सबसे ऊंचाई पर स्थित शिव मंदिर के रूप में जाना जाता है. इसी समस्या को लेकर उत्तराखंड के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि सरकार ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) से तुंगनाथ मंदिर में मरम्मत कार्य करने की अनुमति मांगी है. 


मंत्री ने बताया कि तुंगनाथ मंदिर भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI) की संरक्षित मंदिरों की सूची में शामिल है। इस कारण, मंदिर के किसी भी निर्माण या मरम्मत कार्य के लिए पहले ASI से अनुमति लेना अनिवार्य है. सतपाल महाराज ने बताया कि मंदिर की वर्तमान स्थिति को देखते हुए सरकार जल्द से जल्द मरम्मत कार्य शुरू करना चाहती है, ताकि मंदिर को किसी बड़े नुकसान से बचाया जा सके.


तुंगनाथ मंदिर का पौराणिक महत्व
तुंगनाथ मंदिर पंच केदारों में से एक है और उत्तराखंड के चमोली जिले में समुद्र तल से लगभग 3,680 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसका वास्तुशिल्प और ऐतिहासिक महत्व भी अत्यधिक है. मान्यताओं के अनुसार, तुंगनाथ मंदिर का निर्माण पांडवों ने किया था और यह भगवान शिव को समर्पित है.


मंत्री सतपाल महाराज ने विश्वास जताया कि जल्द ही ASI से आवश्यक अनुमति मिल जाएगी, जिसके बाद मरम्मत कार्य शुरू कर दिया जाएगा. मंदिर में रिसाव की समस्या को ध्यान में रखते हुए सरकार इसे प्राथमिकता दे रही है, ताकि श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए मंदिर की संरचना सुरक्षित बनी रहे.


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मंदिर की देखरेख और संरक्षण के लिए उठाए गए इस कदम से धार्मिक स्थल की सुरक्षा और ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करने का प्रयास जारी है. बता दें कि उत्तराखंड में कई बड़े धार्मिक स्थल हैं, जिसमें चारधाम मुख्य है.