उत्तराखंड में साइबर हमले के बाद फिर से बहाल हुईं सरकारी वेबसाइट, नहीं हुआ कोई डाटा लॉस
Cyber Attack in Uttarakhand: उत्तराखंड के आईटी सिस्टम पर हालिया दिनों हुए साइबर हमले के बाद कई विभागों में कामकाज ठप पड़ गया है. स्थिति से निपटने को लेकर सीएम धामी ने समीक्षा बैठक निर्देश दिए थे.
Uttarakhand News Today: हाल ही में एक बड़े साइबर हमले की वजह से उत्तराखंड सरकार का आईटी सिस्टम ठप हो गया था. जिसकी वजह से सरकारी कामकाज बुरी तरह प्रभावित हुआ. सचिवालय सहित राज्य के अन्य प्रमुख सरकारी कार्यालयों में कामकाज पूरी तरह बंद हो गया था.
यह साइबर हमला 2 अक्टूबर को स्टेट डाटा सेंटर पर हुए मालवेयर हमले के रूप में सामने आया, जिससे कई महत्वपूर्ण सरकारी वेबसाइटें अस्थायी रूप से बंद कर दी गईं.
सीएम धामी ने की समीक्षा बैठक
इन वेबसाइटों में प्रमुख साइट्स जैसे अपनी सरकार, ई-ऑफिस और चारधाम पंजीकरण शामिल थीं, यह राज्य के नागरिकों और सरकारी अधिकारियों के लिए महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान करती हैं. इस गंभीर स्थिति निपटने के लिए राज्य सरकार ने तेजी से सुधार कार्य शुरू किया.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 5 अक्टूबर को राजस्थान से लौटने के बाद तुरंत एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें एनआईसी, आईटीडीए और पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सोमवार तक सभी सरकारी वेबसाइटों और सेवाओं को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए त्वरित और प्रभावी कदम उठाए जाएं.
सभी सरकारी वेबसाइट दोबारा शुरू
आईटीडीए की निदेशक निकिता खंडेलवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद सभी प्रमुख सरकारी वेबसाइटों को दोबारा सुचारू कर दिया गया है. 5 अक्टूबर तक सीएम हेल्पलाइन और स्टेट पोर्टल को भी सुचारू रूप से चालू कर दिया गया था, जिससे नागरिकों को सेवाएं मिलनी शुरू हो गईं.
निकिता खंडेलवाल ने दावा किया कि इस पूरे घटनाक्रम में किसी भी प्रकार का डाटा लॉस नहीं हुआ है और सभी डाटा सुरक्षित हैं. राज्य की प्रमुख वेबसाइटें जैसे अपनी सरकार, ई-ऑफिस, ई-रवन्ना पोर्टल और चारधाम पंजीकरण अब पूरी तरह से सुचारू हो गई हैं.
सीएम हेल्पलाइन पर मिली
साइबर हमले के बाद, राज्य सरकार ने तकनीकी दलों की मदद से स्थिति को संभालने में युद्ध स्तर पर काम किया. सीएम हेल्पलाइन पर पिछले दो दिनों में कुल 2034 कॉल प्राप्त हुईं, जिनमें से 1879 कॉलों को सफलतापूर्वक दोबारा दर्ज किया गया.
इनमें से 600 से अधिक शिकायतें नागरिकों के जरिये दर्ज कराई गई हैं, जिन पर संबंधित अधिकारियों के जरिये कार्रवाई की जा रही है. हेल्पलाइन सेवाओं के सुचारू होने के बाद, नागरिकों को राहत मिलनी शुरू हो गई है और वे अपनी समस्याओं और शिकायतों को सरकारी तंत्र तक पहुंचाने में सफल रहे हैं.
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