Uttarakhand News Today: उत्तराखंड में साइबर सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है, इसके तहत प्रदेश सरकार ने साइबर सिक्योरिटी टास्क फोर्स के गठन का फैसला किया है. इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार (5 अक्टूबर) उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की.


सीएम धामी ने बैठक में राज्य में बढ़ते साइबर हमलों और ऑनलाइन सुरक्षा से जुड़े मामलों पर चर्चा की. इस दौरान उन्होंने राज्य के स्टेट डाटा सेंटर की स्कैनिंग पूरी करने और जनहित से जुड़े विभागों की वेबसाइटों को सुचारू रूप से चालू करने के निर्देश दिए. इसके अलावा उन्होंने साइबर सुरक्षा में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाने के भी आदेश दिए.


साइबर सिक्योरिटी टास्क फोर्स का गठन
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बैठक में कहा कि राज्य में साइबर हमलों से निपटने और ऑनलाइन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष साइबर सिक्योरिटी टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा. यह टास्क फोर्स न केवल साइबर हमलों का मुकाबला करेगी, बल्कि राज्य के आईटी सिस्टम और ऑनलाइन प्लेटफार्मों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होगी. 


टास्क फोर्स के कार्यक्षेत्रों का जिक्र करते हुए सीएम धामी ने कहा, "इस टास्क फोर्स के गठन के लिए राज्य सरकार केंद्र की सर्वश्रेष्ठ एजेंसियों का सहयोग लेगी, जिससे स्टेट डाटा सेंटर और अन्य महत्वपूर्ण ऑनलाइन साइटों की सुरक्षा प्रणाली को और अधिक मजबूत और आधुनिक बनाया जा सके."


सीएम धामी ने दिए ये निर्देश
सीएम धामी ने स्टेट डाटा सेंटर की सुरक्षा प्रणाली को उन्नत करने और समयबद्ध तरीके से सुरक्षा ऑडिट करने के भी निर्देश दिए हैं. इस ऑडिट के दौरान आईटी विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि सभी सरकारी वेबसाइटें सुरक्षित और सुचारू रूप से कार्य कर रही हैं. साइबर हमलों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ऑनलाइन सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.


इसके अलावा मुख्यमंत्री ने डिजास्टर रिकवरी सेंटर की स्थापना के निर्देश भी दिए हैं. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन प्लेटफार्मों की सुरक्षा और अलग-अलग विभागों से संबंधित महत्वपूर्ण ऑनलाइन डाटा की रिकवरी के लिए यह जरूरी है. इसके जरिये साइबर हमले या अन्य प्रकार की आपात स्थितियों में डेटा को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी.


बेस्ट प्रैक्टिस के स्टडी के निर्देश
सीएम ने निर्देश दिया कि साइबर सुरक्षा में उत्कृष्ट कार्य कर रहे राज्यों, केंद्रीय मंत्रालयों और एजेंसियों की बेस्ट प्रैक्टिस का अध्ययन किया जाए और उन्हें उत्तराखंड में लागू किया जाए. 


इस कदम से राज्य में साइबर सुरक्षा के उपायों को मजबूती मिलेगी. सीएम ने आईटी क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों की समीक्षा करने के निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी प्रकार की लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की जाए. 


'ITDA में नियुक्त करें कार्मिक'
बैठक के दौरान सीएम ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को निर्देश दिया कि सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (ITDA) में आवश्यकतानुसार कार्मिक तैनात किए जाएं. उन्होंने कहा कि आईटीडीए को सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रत्येक सरकारी कार्यालय में एंटीवायरस सॉफ्टवेयर अपडेट किए जाएं, जिससे साइबर हमलों से बचा जा सके. इस मौके पर अधिकारियों और कर्मचारियों को साइबर सुरक्षा के बारे में प्रशिक्षण देने पर भी जोर दिया गया.


साइबर हमले की जांच शुरू
उत्तराखंड के आईटी सिस्टम पर हुए साइबर हमले की जांच के लिए साइबर पुलिस और स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की टीम को लगाया गया है. शुरुआती जांच में सामने आया है कि राज्य के आईटी सिस्टम पर साइबर हमला हुआ है. 


हालांकि टीम को हमले के स्रोत का पता लगाने में अभी समय लग सकता है. एसटीएफ और साइबर पुलिस के विशेषज्ञ इस हमले की गहन जांच कर रहे हैं. इस जांच में केंद्रीय एजेंसियों की भी मदद ली जा रही है. एसटीएफ और साइबर थाने के लगभग 20 से अधिक विशेषज्ञ इस जांच में लगे हुए हैं. 


एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर खुद इसकी निगरानी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि उनकी टीम हमले के स्रोत की पहचान के लिए काम कर रही है. आईटीडीए की टीमें सिस्टम और वेबसाइटों को सुचारू रूप से चालू करने में जुटी हुई हैं. कुछ जिलों में ई-ऑफिस सिस्टम को पहले ही चालू कर दिया गया है और बाकी वेबसाइटों की स्कैनिंग जारी है.


साइबर हमले में 11 सिस्टम प्रभावित
उत्तराखंड के आईटी सिस्टम पर हुए साइबर हमले से 1 हजार 378 में से केवल 11 वर्चुअल मशीनें प्रभावित हुई थीं, जिसमें किसी गंभीर डेटा की हानि नहीं हुई है. आईटी सचिव नितेश झा ने बताया कि डेटा सेंटर में वर्चुअल मशीनों पर मालवेयर का प्रभाव था, लेकिन स्कैनिंग के बाद अधिकांश सिस्टम को सुचारू रूप से चालू कर दिया गया है. सीएम हेल्पलाइन समेत कई अन्य सरकारी वेबसाइटों को भी चालू कर दिया गया है. 


आईटीडीए की टीमें इस समय एंटीवायरस सॉफ्टवेयर और अन्य सुरक्षा उपकरणों को अपलोड करने का काम तेजी से कर रही हैं. हालांकि, अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि साइबर हमले कहां से और किसने किया. साइबर पुलिस और एसटीएफ की टीम हर पहलू की गहनता से जांच कर रही है.


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