Uttarakhand News: सड़क हादसों में घायलों का मुफ्त इलाज कराएगी उत्तराखंड सरकार, मंत्री धन सिंह रावत ने दी जानकारी
उधमसिंह नगर जिले में एम्स (AIIMS) की स्थापना होने जा रही है. एम्स के लिए सरकार ने 100 एकड़ जमीन तय कर दी है. मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड सरकार सड़क हादसे में घायलों का फ्री इलाज कराएगी.
उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand Government) सड़क हादसों (Road Accidents) में घायलों का फ्री इलाज (Free Treatment) कराएगी. स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने (Dhan Singh Rawat) कहा कि जल्द ही सरकार कैबिनेट (Cabinet) में एक प्रस्ताव लाने वाली है. धन सिंह रावत उधमसिंह नगर (Udham Singh Nagar) के काशीपुर में होम्योपैथी (Homeopathy) पर राष्ट्रीय सेमिनार को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करने आए थे. इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने सुभाष चंद्र बोस एकल छात्रावास का उद्घाटन भी किया. राष्ट्रीय सेमिनार में देशभर के सैकड़ों डॉक्टरों ने प्रतिभाग किया.
उत्तराखंड सरकार कराएगी सड़क हादसे में घायलों का फ्री इलाज
धन सिंह रावत ने कहा कि किसी भी बाहरी राज्य का यात्री उत्तराखंड में सड़क हादसे में घायल हो जाता है, तो उसका इलाज फ्री में किया जाएगा. उन्होंने जानकारी दी कि जल्द ही भारत सरकार की धनराशि से देहरादून में होम्योपैथी का कॉलेज बनाए जाने की योजना है. धन सिंह रावत ने बताया कि एनएचएम (National Health Mission) के तहत 26 होम्योपैथिक चिकित्सकों को संविदा पर नियुक्त कर दिया है. 277 चिकित्सकों की नियुक्ति का भारत सरकार को प्रस्ताव भेज दिया गया है.
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उधमसिंह नगर में एम्स की स्थापना के लिए 100 एकड़ जमीन तय
उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि एक ही छत के नीचे होम्योपैथिक, आयुर्वेदिक (Ayurvedic) और एलोपैथिक डॉक्टरों (Allopathic Doctors) की नियुक्ति की जाए. ऐसे में अब तय है कि जल्द ही राज्य के प्रत्येक हॉस्पिटल में तीनों ही पद्धतियों वाले डॉक्टरों की नियुक्ति होगी. उन्होंने बताया कि जल्दी ही उधमसिंह नगर जिले में एम्स (AIIMS) की स्थापना होने जा रही है. एम्स के लिए सरकार ने 100 एकड़ जमीन तय कर दी है. सेमिनार के बारे में मीडिया से रूबरू होते हुए आयोजक डॉक्टर रजनीश शर्मा ने कहा कि उत्तराखंड में पहली बार होम्योपैथी पर राष्ट्रीय स्तर का सेमिनार आयोजित किया गया है.
उन्होंने बताया कि देश और विदेश के डॉक्टरों ने होम्योपैथी क्षेत्र में जो रिसर्च की गई, उसमें उनके शोध पत्रों का प्रस्तुतीकरण आज किया गया है. डॉक्टर रजनीश शर्मा ने कहा कि होम्योपैथी को लेकर कुछ भ्रांतियां है, उन्हें इस सेमिनार में दूर किया गया है. सबसे बड़ी भ्रांति ये है कि होम्योपैथिक दवाइयों के कोई साइड इफेक्ट नहीं होते हैं. होम्योपैथिक के साइड इफेक्ट होते हैं, लेकिन अन्य पद्धतियों की तरह साइड इफेक्ट बुरे नहीं होते हैं. कोविड-19 के समय में होम्योपैथी दवाई कारगर सिद्ध हुई है, जिन लोगों ने भी कोविड-19 के समय में होम्योपैथी दवाई का सेवन किया उसे कोरोना नहीं हुआ या हुआ तो बहुत कम लक्षण आए.