Uttarakhand News: उत्तराखंड में राज्य सरकार अब वाहनों को लेकर एक बड़ा फैसला करने जा रही है. वाहनों का हर साल 5% टैक्स बढ़ाया जाएगा, इसको लेकर कैबिनेट में प्रस्ताव आ सकता है. आपको बता दें प्रदेश में अभी तक वाहनों का टैक्स संशोधन का कोई भी फार्मूले नहीं है. कई-कई साल तक माल वाहक और सवारी वाहनों का टैक्स नहीं बढ़ पाता है. अब राज्य सरकार राज्य में माल वाहक और सवारी वाहनों का टैक्स हर साल बढ़ाने का फैसला करने जा रही है. यह फैसला कैबिनेट में लाने की भी तैयारी हो रही है. इसके बाद प्रदेश में यह नई व्यवस्था लागू हो जाएगी, इससे करीब 5% टैक्स हर साल बढ़ जाएगा.


राज्य में अभी तक माल वाहक और सवारी वाहनों का टैक्स हर साल बढ़ाने का कोई भी फार्मूला उत्तराखंड सरकार के पास नहीं था, लेकिन उत्तराखंड सरकार ने यह फैसला कर लिया है कि इसको लेकर एक नई नीति बनाई जाए. यह नीति लागू होने के बाद राज्य में मालवाहक और सवारी वाहनों का टैक्स हर साल 5% बढ़ेगा, इसको लेकर कैबिनेट में भी प्रस्ताव लाया जा सकता है. इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है, नई व्यवस्था लागू होने के बाद हर साल वाहनों पर 5% टैक्स बढ़ेगा.


वाहनों पर लगेगा टैक्स 
प्रदेश में अभी तक वाहनों के टैक्स में संशोधन का कोई भी फार्मूला नहीं था, कई के साल तक माल वाहक और सवारी वाहनों का टैक्स नहीं बढ़ पाता था. इसके बाद जब की साल के अंतराल में टैक्स बढ़ता है तो यह वाहन मालिकों और जनता की जेब पर भी पड़ता हुआ दिखाई देता है. कई सालों से वाहनों के टैक्स की दरों में संशोधन नहीं हो पाया है. अब इसको लेकर सरकार नई गाइडलाइन बनाने जा रही है. जिससे हर साल 5% टैक्स बढ़ने से जहां राज्य सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी, तो वहीं आम जनता को भी इससे राहत मिलेगी.


हर साल होगी 5% टैक्स की बढ़ोतरी
संयुक्त परिवहन एसके सिंह ने बताया विभाग एक ऐसा फार्मूला तैयार कर रहा है. जिससे हर साल 5% टैक्स की बढ़ोतरी हो जाएगी. उन्होंने बताया कि निजी वाहनों का टैक्स उनकी कीमत के हिसाब से ही होता है. जिससे हम उसे हिसाब से ही बढ़ोतरी होती है, लेकिन माल वाहक वाहनों का टैक्स वजन के हिसाब से और सवारी वाहनों का टैक्स उनके हिसाब से होता है. इस फार्मूले के तहत इस टैक्स को हर साल 5% की बढ़ोतरी हो जाएगी, इससे वाहन मालिकों को भी फायदा होगा.


वाहन नीति बनने के बाद राजस्व में होगा फायदा
वहीं निजी वाहनों के टैक्स का अध्ययन या उसका मानक अन्य राज्यों को देखकर किया जाता है. पिछली बार 5 लाख के वाहनों का 8%, 5 से 10 लाख के वाहनों का नोट और 10 लाख से ऊपर के कीमत के वाहनों का 10% हुआ था. मालवाहक लोडिंग वाहनों का टैक्स अन्य राज्यों के टैक्स देखने के बाद ही राजस्व, महंगाई आदि के मद्देनजर रखकर तय किया जाता है.


यह रुपए प्रति टन प्रति तिमाही के हिसाब से तय होता है, जैसे 210 रुपए प्रति टन तिमाही परिवहन विभाग को 77% टैक्स निजी वाहनों से और 20 से 23% टैक्स लोडिंग वाहनों से मिलता है. परिवहन विभाग अब इसको लेकर नई नीति बनाने जा रहा है. इस नीति के अमल में आने के बाद राजस्व में फायदा होगा तो वही वाहन मालिकों को भी फायदा होगा.


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