Uttarakhand Eco Tourism: उत्तराखंड में इको टूरिज्म को बढ़ावा देगी सरकार, दो लाख लोगों को मिलेगा रोजगार, जानें- तैयारी
Uttarakhand Eco Tourism: वन मंत्री सुबोध निहाल ने कहा कि सरकार जल्द ही प्रदेश में फॉरेस्ट डिविजन के अंदर इको टूरिज्म जॉन खोलेगी, इसके जरिए वहां के स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा.
Uttarakhand News: उत्तराखंड के वन मंत्री सुबोध उनियाल के अनुसार राज्य सरकार जल्द ही प्रदेश में इको टूरिज्म के जरिए प्रदेश के 2 लाख से ज्यादा युवाओं को रोजगार देने जा रही है. वन मंत्री सुबोध निहाल ने कहा कि सरकार जल्द ही प्रदेश में फॉरेस्ट डिविजन के अंदर इको टूरिज्म जॉन खोलेगी, इसके जरिए वहां के स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा. यहां होने वाली पर्यटन गतिविधियों पर पूरी तरह से स्थानीय लोगों की पकड़ होगी, वही उसे संचालित करेंगे.
वन मंत्री ने कहा कि स्थानीय लोगों के द्वारा ही इको टूरिज्म शुरू किया जाएगा. इससे होने वाली कमाई का 90% हिस्सा स्थानीय लोगों को मिलेगा, जबकि दसवां हिस्सा राज्य सरकार को जाएगा. इससे स्थानीय लोगों का जंगल के प्रति जुड़ाव बढ़ेगा साथ ही उनकी जीविका के लिए आय भी बढ़ेगी. इससे प्रदेश के लगभग 2 लाख युवाओं को रोजगार मिलेगा.
इको टूरिज्म को बढ़ावा देगी सरकार
उत्तराखंड में अभी कई प्रकार की टूरिज्म गतिविधियां चलाई जाती हैं, लेकिन इको टूरिज्म को लेकर के कोई खास काम नहीं हो पाया है. अब राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि प्रदेश में इको टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाए इसमें प्रदेश के ग्रामीणों के तमाम लोगों को जोड़ा जाएगा. ग्रामीणों का जुड़ाव जंगल से जुड़ने के बाद एक तो जंगलों की सुरक्षा उनके हाथ में होगी दूसरा इको टूरिज्म से होने वाली कमाई से वह अपनी जीविका अच्छे से चला पाएंगे.
स्थानीय लोगों को होगा फायदा
राज्य सरकार का मानना है कि प्रदेश में अब इको टूरिज्म की ओर प्रदेश को ध्यान देना चाहिए. सरकार चाहती है कि इको टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाए इसी क्रम में हम जल्दी एक योजना लाने जा रहे हैं. जिससे इको टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाएगा. इको टूरिज्म शुरू करने के बाद उत्तराखंड में हर साल के लाख पर्यटक इको टूरिज्म के लिए आएंगे. उनके रखरखाव और इको टूरिज्म में होने वाली गतिविधियों पर पूरी तरह से स्थानीय लोगों का दखल होगा.
इससे प्रदेश के लगभग 2 लाख युवाओं को रोजगार तो मिलेगा ही साथ ही प्रदेश में टूरिज्म को बढ़ावा भी मिलेगा. बाहर से आने वाले टूरिस्ट को भी सीधे तौर पर ग्रामीणों से जुड़ने का मौका मिलेगा, तो वहीं ग्रामीण भी बाहर से आने वाले टूरिस्ट के साथ जुड़कर कुछ नया सीखेंगे और अपनी कमाई भी कर सकेंगे.