देहरादून. उत्तराखंड में तीरथ सिंह रावत की सरकार के 100 दिन हो गए हैं. इस दौरान तीरथ सरकार ने कई अहम फैसले लिए. सरकार ने कोविड महमारी के दौरान 4500 लोगों पर दर्ज मुकदमों को तत्काल वापस कर दिया है. वहीं, लंबे समय से जिन जिला विकास प्राधिकरणों की मनमानियों से लोग परेशान थे, उन्हें भी स्थगित कर दिया गया. 


गौरतलब है कि कोविड महामारी के कारण बीते डेढ़ वर्षों में उत्तराखंड भी खासा प्रभावित रहा है. उस समय कोविड के हालातों को देखते हुए समूचे प्रदेश में महामारी एक्ट को लागू किया गया. लॉकडाउन लागू किया गया तो काफी कड़ाई पुलिस प्रशासन के स्तर से बरती जा रही थी. ऐसे में पुलिस की ओर से सड़कों पर बगैर किसी कारण के बाहर आने वाले लोगों पर एक्शन लेते हुए महामारी एक्ट में मुकदमे दर्ज किए गए थे. इसके तहत पूरे प्रदेश में महामारी एक्ट में 4500 से ज्यादा मुकदमे दर्ज किए गए थे. इन मुकदमों के कारण आमजन को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. 


इस बीच, जैसे ही तीरथ सरकार ने सत्ता की कमान संभाली तो अहम आदेश दिया गया. तीरथ सिंह रावत के आदेशों पर पूरे प्रदेश में 4500 लोगों के खिलाफ दर्ज हुए मुकदमों को वापस ले लिया गया.


इसी तरह की एक और समस्या, जो कि आमजन के लिए बड़ी परेशानी का सबब साबित हो रही थी, वह थे जिला विकास प्राधिकरण. जिला विकास प्राधिकरणों की मनमानियों के कारण खासतौर से पर्वतीय जनपदों में लोगों को दिक्कतें हो रही थी. अगर लोग छोटा सा निर्माण भी कर रहे थे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही थी. ऐसे में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने जिला विकास प्राधिकरणों को भी तत्काल स्थगित करने का निर्णय लिया.


ये भी पढ़ें:


उत्तराखंड: तीरथ सरकार के 100 दिन, दिवंगत 18 पत्रकारों के परिजनों मिलेगी पांच-पांच लाख की सहायता राशि