Uttarakhand News: देहरादून में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है, जिसमें सभी ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्टों और आवासीय परियोजनाओं में सोलर प्लांट लगाना अनिवार्य होगा. यह निर्णय मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) की तरफ से उरेडा, यूपीसीएल और बिल्डर एसोसिएशन के साथ हुई बैठक में लिया गया है.


इस निर्णय का उद्देश्य शहर में ऊर्जा की मांग को पूरा करने और पर्यावरण को स्वच्छ बनाने में मदद करना है. सोलर प्लांट लगाने से न केवल ऊर्जा की बचत होगी, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद होगी. सोलर प्लांट से ऊर्जा उत्पादन होने से कोयले और अन्य जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता कम होगी, जिससे वायु प्रदूषण में कमी आएगी.


''बदलाव प्रकृति का नियम है''


एमडीडीए के वीसी बंसी धर तिवारी ने एबीपी लाइव को बताया कि आने वाले समय के हिसाब से हमें खुद को तैयार करना होगा. ये योजना आने वाले वक्त के लिए पहला कदम साबित होगी. धीरे धीरे हमें खुद को बदलना होगा. बदलाव प्रकृति का नियम है. इस योजना से न केवल रिहायशी लोगों को फायदा होगा, बल्कि बिल्डर को भी फायदा मिलेगा. इसी और भी कई योजनाएं है, जिन्हें जल्द धरातल पर लागू किया जाएगा.


सोलर प्लांट लगाने के लिए इन मुद्दों पर होगी चर्चा 


इस निर्णय को धरातल पर प्रभावी बनाने के लिए जल्द ही राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा, जिसमें विस्तार से चर्चा की जाएगी और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जाएंगे. इस कार्यशाला में सोलर प्लांट लगाने के लिए आवश्यक तकनीकी और वित्तीय सहायता के बारे में चर्चा की जाएगी.


सोलर प्लांट लगाने से मिलेगी लोगों को मदद 


मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के तहत आवासीय परियोजनाओं में सब्सिडी पर सोलर प्लांट स्थापित किए जाएंगे, जिससे लोगों को सोलर प्लांट लगाने में मदद मिलेगी. यह योजना लोगों को सोलर प्लांट लगाने के लिए प्रोत्साहित करेगी और उन्हें ऊर्जा की बचत करने में मदद करेगी. यह निर्णय देहरादून के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और इससे शहर को और भी स्वच्छ और हरित बनाने में मदद मिलेगी. सोलर प्लांट लगाने से शहर में ऊर्जा की मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी और पर्यावरण को स्वच्छ बनाने में भी मदद मिलेगी.


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