उत्तराखंड की हर्षिका ने कान्हा जी से रचाई शादी, बारात लेकर आए कन्हैया, सात जन्मों की खाईं कसमें
Uttarakhand News: हर्षिका भगवान श्री कृष्ण को दिल से अपना पति मान चुकी थी, जिसके बाद हर्षिका ने वृंदावन से लाई गई श्री कृष्ण की प्रतिमा के साथ सात जन्मों की कसमें खाईं.
Uttarakhand Latest News: उत्तराखंड के हल्द्वानी में एक अनूठी शादी हुई, जिसकी चर्चा हर जगह हो रही है. यहां कृष्ण भक्ति में लीन युवती ने जीवन भर कान्हा के साथ रहने की ठान लिया, जिसके बाद बड़ी धूमधाम के साथ उनकी मूर्ति से शादी रचाई. ये शादी पूरे विधि विधान के साथ ही कराई गई. विदाई कार्यक्रम के बाद कान्हा की मूर्ति साथ में लेकर युवती कार से रिश्तेदार के यहां पहुंची. जिसके बाद अब ये शादी सुर्खियों में बनी हुई है.
उत्तराखंड हल्द्वानी शहर के प्रेमपुर लोश्ज्ञानी इंद्रप्रस्थ कॉलोनी निवासी पूरन चंद्र पंत की 21 वर्षीय पुत्री हर्षिका पंत बचपन से दिव्यांग है. उसके शरीर का निचला हिस्सा को दिव्यांग है. अपने दैनिक कार्यों के लिए भी उसे दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है. हर्षिका भगवान श्री कृष्ण को दिल से अपना पति मान चुकी थी, जिसके बाद हर्षिका ने वृंदावन से लाई गई श्री कृष्ण की प्रतिमा के साथ सात जन्मों की कसमें खाई और अपनी मांग में कान्हा के नाम का सिंदूर धारण किया और सात फेरे लिए.
कान्हा जी से रचाई शादी
हर्षिका के माता पिता ने खुद इस शादी का मूहुर्त निकलवाया और 11 जुलाई को परिवार की सहमति से भगवान श्री कृष्ण से शादी रचाकर अपने जीवन को समर्पित किया. बता दें यह शादी गुरुवार को धूमधाम से हुई इससे पहले बुधवार को घर में मेहंदी और हल्दी का कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया जिसमें सभी रिश्तेदार और आसपास के लोग भी भी शामिल हुए.
हर्षिका की बारात बैंड बाजे के साथ उसके घर पहुंची. जहां भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति कार में सवार होकर आई. हर्षिका के घर बाराती कान्हा की मूर्ति साथ लिए दरवाजे पहुंचे जहां कुमाऊनी रीति रिवाज के अनुसार भगवान कृष्ण की मूर्ति का दरवाजे पर स्वागत किया गया. इसके बाद कुमाऊंनी रीति रिवाज के अनुसार हर्षिता का भगवान कृष्ण से शादी रचाई गई. इसमें जयमाला से लेकर तमाम रस्में निभाई गईं. हर्षिका को आशीर्वाद देने के लिए दूर दूर से आए लोग भी साक्षी बने.
सारी रस्मों-रिवाजों से हुई शादी
दुल्हन बनी हर्षिका अपनी सहेलियों के साथ जयमाला लिए स्टेज पर आई और कान्हा को माला पहनाई. जिसके बाद लोगों ने राधा कृष्ण के जयकारे लगाए. हर्षिका पिछले 15 वर्षों से अपने ह्रदय में भगवान श्री कृष्ण को संजोए बैठी थी, जिसके बाद उसने शादी की. लेकिन, हर्षिका अपने ससुराल (वृंदावन) नहीं गई बल्कि भगवान श्री कृष्ण को घर जमाई बनाकर अपने घर रख लिया. इस शादी से उसका पूरा परिवार बहुत खुश है.
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