Uttarakhand: बीजेपी-कांग्रेस के बीच प्रतिष्ठा का सवाल बना हरिद्वार पंचायत चुनाव, बसपा की एंट्री ने बिगाड़ा गणित
Haridwar News: हरिद्वार पंचायत चुनावों में इस बार बीजेपी और कांग्रेस की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. दोनों दल अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं लेकिन बसपा की एंट्री ने इनका गणित बिगाड़ दिया है.
बीजेपी-कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला
उत्तराखंड में हरिद्वार एक ऐसा जिला है जहां पर पंचायत चुनाव प्रदेश के 12 जिलों से अलग होते हैं. ये परिपाटी उत्तर प्रदेश के दौरान से ही चली आ रही है. हरिद्वार जिले में पंचायत चुनाव का कार्यकाल मार्च 2021 में खत्म हो गया था लेकिन कोरोना और परिसीमन की वजह से हरिद्वार में पंचायत चुनाव नहीं हो पा रहे थे. कोर्ट के आदेश के बाद सरकार को अब पंचायत चुनाव कराने पड़ रहे हैं. हरिद्वार में कुल 44 जिला पंचायत सदस्य, 318 ग्राम प्रधान और 221 क्षेत्र पंचायतों के लिए चुनाव होने हैं. इसके लिए बीजेपी और कांग्रेस पूरी रणनीति तैयार कर रही है वहीं बसपा भी मैदान में कूद चुकी हैं, जो दोनों पार्टियों का गणित बिगड़ सकती है. हालंकि बीजेपी का दावा है कि इस बार पंचायत चुनाव में कमल ही खिलेगा.
दोनों दलों ने तैयार की 'जीत की रणनीति'
इस बार हरिद्वार पंचायत चुनाव में गांव की सरकार चुनने के लिए 8 लाख 57 हजार मतदाता मतदान करेंगे. जिन पर सभी राजनितिक पार्टियों की नजर है. यही वजह है चुनाव से पहले दोनों ही पार्टियों में तोड़फोड़ का दौर जारी है. ये तोड़फोड़ इसलिए भी हो रही है क्योंकि हरिद्वार पंचायत चुनाव दोनों ही पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है. कांग्रेस ने हरिद्वार पंचायत चुनाव की जीत के लिए बाकायदा कमेटी बनाई है जो हरिद्वार में डेरा डाल चुकी है. कांग्रेस को ये भी लग रहा है कि हाल ही में हुए विधान सभा चुनावों में उनका बेहतर प्रदर्शन रहा था. इसलिए पंचायत चुनाव भी उन्हीं के पाले में जाएगा. कांग्रेस का आरोप कि बीजेपी हरिद्वार चुनाव में धन, बल और सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल करेगी.
हरिद्वार पंचायत चुनाव का कार्यक्रम
हरिद्वार पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं. छह से आठ सितंबर तक नामांकन दाखिल किए जाएंगे. नामांकन की जांच 9 से 11 सितंबर तक होगी. 12 सितंबर तक नाम वापसी की जा सकेगी, 13 सितंबर को चुनाव चिन्ह आवंटित किए जाएंगे और 26 सिंतबर को मतदान और 28 सितंबर को मतगणना होगी.
क्या कहते हैं विधानसभा चुनाव के नतीजे?
हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी हरिद्वार में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाई थी. 11 सीटों में से बीजेपी कुल 3 सीट ही जीत पाई थी जबकि कांग्रेस 5 सीट जीतने में कामयाब रही और बसपा के दो विधायक जीते. यही वजह है कि बीजेपी इस बार हरिद्वार पंचायत चुनाव में जी-तोड़ मेहनत कर जीत हासिल करना चाहती है. क्योंकि ये बीजेपी की प्रतिष्ठा के साथ-साथ नए प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट की परीक्षा भी है तो कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा के लिए भी ये अग्निपरीक्षा से कम नहीं है.
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