Haridwar News: हरिद्वार जिला जेल में रामलीला का मंचन, हिन्दू-मुस्लिम कैदी मिलकर निभा रहे हैं रामायण के किरदार
Haridwar News: हरिद्वार जिला कारागार में बंद कैदियों द्वारा इस बार रामलीला का मंचन किया जा रहा है, जेल में रामलीला के मंचन से माहौल सकारात्मक हो गया है और कैदी भी खुश हैं.
Haridwar News: इन दिनों देशभर में रामलीला (Ramlila 2022) का मंचन किया जा रहा है ऐसे में धर्म नगरी हरिद्वार (Haridwar) की जिला कारागार (Jail) में एक अनोखा रंग देखने को मिला जहां जेल में बंद कैदियों ने रामलीला का मंचन किया. रामायण (Ramayan) के सभी किरदारों को इन कैदियों के द्वारा ही निभाया जा रहा है. दिलचस्प बात ये हैं कि इनमें हिन्दू और मुस्लिम कैदी (Muslim Prisoners) दोनों मिलजुल हिस्सा ले रहे हैं. रामलीला मंचन से पहले एक महीने से वो इसकी रिहर्सल भी कर रहे थे. जेल के अंदर रामलीला मंचन से कारागार का माहौल भी बेहद सकारात्मक हो गया है.
जेल में कैदियों ने किया रामलीला का मंचन
हरिद्वार जेल की ये रामलीला बेहद रोचक है. यहां पर कैदी कलाकारो ने अपने अभिनय से हर किरदार में जान डाल दी है. जेल के कैदी ही इस रामलीला में भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, रावण, हनुमान जैसे सभी पात्रों को बखूबी निभा रहे हैं. खास बात है कि रामलीला में हिस्सा ले रहे सिर्फ हिंदू ही नहीं है बल्कि मुस्लिम या दूसरे धर्मों के कैदी भी सनातनी परंपरा में शामिल हो रहे हैं. जेल के भीतर रामलीला आयोजन के लिए सभी तैयारियां जेल प्रशासन की ओर से की गई हैं. कैदी पिछले 1 महीने से रामलीला की रिहर्सल में जुटे हुए थे.
हिन्दू और मुस्लिम कैदियों ने निभाए किरदार
जेल अधीक्षक मनोज कुमार आर्य ने इस बारे में बताया कि जेल के अंदर इस तरह से सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधि होने से यहां का माहौल सकारात्मक बनता है और कैदी भी महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा लेते हैं. वहीं जिला कारागार की रामलीला देखने पहुंचे अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी भी कलाकारों के प्रदर्शन से खासे उत्साहित नजर आए. उन्होंने जेल अधीक्षक मनोज कुमार आर्य की कोशिशों की तारीफ की और कहा कि जिला कारागार में रामलीला होने से यहां का माहौल सकारात्मक हुआ है. जेल अधीक्षक सभी कैदियों की अपने परिवार की तरह देखभाल करते हैं. उन्हीं के सहयोग से कैदियों को भी भगवान की भक्ति करने का अवसर मिल रहा है.
जेल अधीक्षक की कोशिशों की तारीफ
अखाड़ा परिषद के महंत ने कहा कि जेलों का माहौल नकारात्मक और तनावपूर्ण होता है. ऐसे में हरिद्वार जिला कारागार में सभी त्योहारों पर आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों से यहां बंद करीब 12 सौ कैदियों का जीवन तनाव मुक्त हो रहा है. साथ ही जेल से बाहर निकल कर उन्हें एक जिम्मेदार नागरिक बनकर जीने की प्रेरणा भी मिल रही है.
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