Haridwar News: उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ने बैरागी कैंप (Bairagi Camp) में बैरागी अखाड़ों द्वारा किए गए अतिक्रमण पर बुलडोजर चलाया था. इसको लेकर बैरागी अखाड़ों के साधु संत एक दिवसीय धरने पर बैठ गए. संतो ने आरोप लगाया कि उत्तराखंड हाईकोर्ट के स्टे देने के बावजूद भी उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा बुलडोजर की कार्रवाई की गई. साधु संतों ने उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग को 13 फरवरी तक का समय दिया है कि बुलडोजर से तोड़े गए गेट को दोबारा से बनवाया जाए नहीं तो साधु-संत अनशन करेंगे और हाईकोर्ट भी जाएंगे.


चेतन ज्योति आश्रम के अध्यक्ष संजय महंत का कहना है कि बैरागी कैंप में 600 गरीब परिवार और तीनों बैरागी अखाड़ों को हाईकोर्ट से 2024 तक स्टे मिला हुआ है. मगर उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा बुलडोजर से गेट को तोड़ा. इस मामले पर हमारे द्वारा उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के अधिकारियों से बातचीत हुई है. उन्होंने हमें आश्वासन दिया गया है कि तोड़े गए गेट को दोबारा बनाया जाएगा, अगर उनके द्वारा कार्य नहीं किया जाता तो हम हाईकोर्ट जायेगे. 


'तोड़े गए गेट को दोबारा लगाया जाए'
निर्मोही अखाड़े के सचिव गोविंद दास का कहना है कि आज के धरने में बैरागी और संन्यासी अखाड़ों के साधु-संत इकट्ठा हुए. साधु-संतों को काफी दुख हुआ कि बार-बार उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा बैरागी अखाड़ों में बुलडोजर की कार्रवाई की जा रही है.


हम सिंचाई विभाग को कहना चाहते हैं कि वह मर्यादा को भंग ना करें. वहीं बैरागी अखाड़े के वरिष्ठ संत महंत विष्णु दास कहना है कि साधु-संतों ने उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग को 13 तारीख का समय दिया गया है कि तोड़े गए गेट को दोबारा बनवाया जाए, नहीं तो साधु संत अनशन करेंगे क्योंकि उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा बिना नोटिस दिए ही बुलडोजर की कार्रवाई की गई.


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