Uttarakhand Flood News: उत्तराखंड में इस साल मानसून के दौरान भारी बारिश ने राज्य के पहाड़ी और मैदानी इलाकों में व्यापक तबाही मचाई है. इस आपदा का सबसे बड़ा असर राज्य की कृषि पर पड़ा है, जिसमें हजारों हेक्टेयर में लगी फसलें बर्बाद हो गई हैं. राज्य के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि प्रदेश में अब तक 5223.14 हेक्टेयर से ज्यादा कृषि भूमि पर फसल को नुकसान पहुंचा है. इसमें सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र उधम सिंह नगर है, जहां अकेले 4989 हेक्टेयर से ज्यादा फसल बर्बाद हो चुकी है. 


कृषि मंत्री गणेश जोशी के अनुसार, मानसून के दौरान सबसे ज्यादा नुकसान उधम सिंह नगर जिले में हुआ है, जहां 4989.20 हेक्टेयर फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है. उधम सिंह नगर राज्य का प्रमुख कृषि क्षेत्र है, जहां धान, गन्ना, और अन्य फसलें बड़े पैमाने पर उगाई जाती हैं. यहां का कृषि उत्पादन राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है, और फसल के इस बड़े नुकसान से किसानों को भारी वित्तीय झटका लगा है. राज्य सरकार किसानों के साथ खड़ी है और उन्हें मुआवजा दिलाने के लिए हर संभव कदम उठा रही है.


चंपावत में ऑर्गेनिक खेती पर असर
चंपावत जिले में भी कृषि को भारी नुकसान हुआ है, जहां कुल 106.59 हेक्टेयर में फसलें बर्बाद हो गई हैं. इसके अलावा इस जिले में ऑर्गेनिक खेती पर भी बुरा असर पड़ा है. ऑर्गेनिक खेती के 31.95 हेक्टेयर क्षेत्रफल में लगी फसलें भी पूरी तरह से नष्ट हो गई है. ऑर्गेनिक खेती पर इस नुकसान का प्रभाव लम्बे समय तक रह सकता है, क्योंकि इस क्षेत्र में जैविक उत्पादों की खेती पर विशेष ध्यान दिया जाता रहा है.


अन्य जिलों में भी हुआ नुकसान
कृषि मंत्री द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, टिहरी जिले में 71.93 हेक्टेयर फसलें बर्बाद हो गई हैं. पौड़ी जिले में भी 4.30 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं, जबकि उत्तरकाशी जिले में 10.32 हेक्टेयर भूमि पर खेती का नुकसान हुआ है. इस तरह से राज्य के विभिन्न जिलों में फसलों के नुकसान की स्थिति ने पूरे कृषि तंत्र को प्रभावित किया है. 


किसानों को मिलेगा मुआवजा
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि राज्य सरकार किसानों को हुए नुकसान का मुआवजा देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. किसानों को केंद्र की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और राज्य सरकार की मुआवजा योजनाओं के तहत वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है. सरकार का कहना है कि सभी प्रभावित किसानों को उनकी फसलों के नुकसान का उचित मुआवजा मिलेगा, ताकि वे अपनी आर्थिक स्थिति को संभाल सकें और भविष्य में खेती जारी रख सकें.


कृषि संरचनाओं को किया जा रहा मजबूत
सरकार इस नुकसान से निपटने के लिए किसानों को वित्तीय सहायता के अलावा दीर्घकालिक समाधान की दिशा में भी काम कर रही है. प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए राज्य में कृषि संरचनाओं को मजबूत किया जा रहा है, ताकि भविष्य में ऐसे नुकसानों को कम किया जा सके. सरकार की योजना है कि किसानों को नई तकनीकों और बीमा योजनाओं के साथ जोड़ा जाए, जिससे उन्हें किसी भी आपदा के समय राहत मिल सके.


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