Dehradun News: उत्तराखंड में गर्मी अपने चरम पर है. गर्मी ने पिछले कई सालों के रिकॉर्ड तोड दिए है. गर्मी का असर इतना है की पूरा कुमाऊं तप रहा है. मैदानी जिलों में पारा 40 डिग्री के पार रिकॉर्ड किया गया है तो वहीं पर्वतीय जिलों में अधिकतम तापमान 30 डिग्री से ऊपर है. उत्तराखंड ने इस तरह की गर्मी कभी नहीं देखी है.


उत्तराखंड के पर्यटन क्षेत्रों में गर्मी अपना असर दिखा रही है. नैनीताल में उमस से स्थानीय लोगों के साथ पर्यटक भी परेशान होने लगे हैं. बुधवार को नैनीताल का अधिकतम पारा 30 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया. जो बीते पांच वर्षों में इस तिथि को सबसे ज्यादा है. इस कारण पहाड़ में भी पंखे और कूलर की जरूरत पड़ने लगी है. जबकि गर्मी से निजात पाने हर साल लाखो पर्यटक नैनीताल पहुंचते है लेकिन इस बार नैनीताल भी तपने लगा है.


नैनीताल में चलाने पड़ रहे कूलर-पंखे
हर साल अप्रैल से जून तक गर्मी से राहत के लिए मैदानी क्षेत्र से पर्यटक नैनीताल पहुंचते हैं. इस वर्ष तराई क्षेत्र के साथ पहाड़ों में भी गर्मी बढ़ने लगी है. इन दिनों उमस बढ़ने से नैनीताल में पंखे और फ्रिज चलने लगे हैं. बुधवार को नैनीताल का तापमान बढ़कर 30 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया. जो इस सीजन में सबसे ज्यादा आंका गया है. वही बात की जाए देहरादून की तो यहां पारा 40 डिग्री के पार ही रहा. साथ ही हिट वेव का का खतरा भी बढ़ता जा रहा है. मैदानी जिलों में पारा 40 डिग्री के पार रिकॉर्ड किया गया तो पर्वतीय जिलों में अधिकतम तापमान 30 डिग्री से ऊपर रहा है. ये हाल तब है जब की कुछ इलाको में बारिश भी हुई है लेकिन तपिश कम नहीं हो रही है. बुधवार को उमस और गर्म हवाओं के थपेड़ों से लोग बेहाल रहें.


हल्द्वानी, रामनगर के साथ ही ऊधमसिंह नगर का तापमान 41 डिग्री पार रिकॉर्ड हुआ. वहीं बागेश्वर में 37, अल्मोड़ा में 33, पिथौरागढ़ में 31.2 डिग्री रहा. चंपावत शहरी क्षेत्र में दिन में थोड़ी देर बारिश हुई जिससे कुछ राहत मिली और तापमान 30 डिग्री दर्ज किया गया. नैनीताल में भी तापमान 30 डिग्री पहुंच गया है, जबकि भीमताल में 28 डिग्री और मुक्तेश्वर में अधिकतम तापमान 22 व न्यूनतम 15 डिग्री रहा, देहरादून में तापमान 40 डिग्री तक रहा इसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों को एडवाइजरी जारी की है.


स्वास्थ्य विभाग ने दिये जरूरी निर्देश
स्वास्थ्य विभाग की तरफ दिशा-निर्देश जारी कर कहा गया है कि हीटवेव को लेकर कोताही ना बरती जाए. अस्पतालों में अतिरिक्त बेड रखे जाएं. अस्पतालों में पंखे-कूलर किया जाए ताकि किसी भी मरीज को दिक्कतों का सामना न करना पड़े.स्वास्थ्य विभाग की तरफ लोगों से अपील की गई है कि बहुत जरूरी होने पर ही अपने घरों से बाहर निकलें. इसके अलावा घर पर ओआरएस, इलेक्ट्राल, नींबू शिकंजी, नारियल पानी, छांछ का नियमित सेवन करें.


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