Uttarakhand News: महापंचायत पर उत्तराखंड हाईकोर्ट का एक्शन, सरकार से मांगा जवाब, तीन हफ्ते का दिया समय
Uttarakhand News: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने ‘लव जिहाद’ के खिलाफ 'महापंचायत' आयोजित करने से रोकने के अनुरोध वाली याचिका पर गुरुवार को सुनवाई के दौरान माहौल खराब करने वालों पर सख्त रुख दिखाया है.
Uttarakhand Mahapanchayat: उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने गुरुवार को पुरोला नगर में हिंदू संगठनों को ‘‘लव जिहाद’’ के खिलाफ 'महापंचायत' आयोजित करने से रोकने के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई की. ‘एसोसिएशन फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स’ ने बुधवार को उच्च न्यायालय का रुख किया था. हाईकोर्ट ने इस सुनवाई के दौरान माहौल खराब करने वालों पर सख्त रुख दिखाया है. साथ ही अदालत ने राज्य सरकार से जवाब भी मांगा है, इसके लिए तीन सप्ताह का समय दिया है.
उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए लोगों से घटना को लेकर सोशल मीडिया पर बहस करने से बचने को कहा. अदालत ने कहा कि इससे हालात को सामान्य करने में मदद मिलेगी. पीठ ने कहा कि राज्य सरकार क्षेत्र में कानून-व्यवस्था की स्थिति को बनाए रखने के लिए काम कर रही है और समय के साथ-साथ सब कुछ सामान्य होता जाएगा. अदालत ने अधिकारियों द्वारा उठाए गए कदमों पर भी संतोष व्यक्त किया.
किसने दायर की थी याचिका?
अदालत में यह याचिका ‘एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइटस’ की ओर से अधिवक्ता शाहरूख आलम ने दायर की थी. याचिका में पुरोला में प्रस्तावित महापंचायत से सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने का अंदेशा जताते हुए उसे रोकने की प्रार्थना की गयी थी. पीठ ने कहा कि सदियों से समुदाय आपस में समरसता के साथ रह रहे हैं और ऐसे ही रहते रहेंगे. अदालत ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह कानून व्यवस्था बनाए रखे और यह सुनिश्चित करे कि पुरोला में जान—माल का कोई नुकसान न हो.
महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने अदालत को सूचित किया कि महापंचायत के आयोजन को प्रभावी तरीके से रोकने के लिए क्षेत्र में धारा 144 लागू की गयी है और तनाव को समाप्त करने के लिए पर्याप्त कदम उठाए गए हैं. याचिका में यह भी आरोप लगाया गया कि मुसलमान दुकानदारों को अपनी दुकानें नहीं खोलने को कहा गया है. याचिका में यह भी दावा किया गया कि उनकी दुकानों के बाहर इस बात की घोषणा करते हुए पोस्टर चिपकाए गए है और साथ ही उन्हें सोशल मीडिया पर भी अपलोड किया गया है. याचिका में ऐसे पोस्टर चिपकाने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने तथा दुकानों तथा दुकानदारों के लिए सुरक्षा की प्रार्थना भी की गयी है.