देहरादून. चार धाम यात्रा को लेकर उत्तराखंड हाईकोर्ट से सरकार को राहत नहीं मिली है. हाईकोर्ट ने चार धाम यात्रा पर 28 जुलाई तक रोक को बरकरार रखा है. साथ ही हाईकोर्ट ने एक बार फिर दोहराया कि चार धाम की लाइव स्ट्रीमिंग की व्यवस्था की जाए. बता दें कि इससे पहले भी हाईकोर्ट ने 28 जून को चार धाम यात्रा पर रोक लगा दी थी.


हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ उत्तराखंड सरकार सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. राज्य सरकार ने दलील दी है कि हाईकोर्ट ने इस तथ्य पर ध्यान नहीं दिया है कि चार धाम स्थलों के आसपास रहने वाली आबादी के महत्वपूर्ण हिस्से की आजीविका इसी यात्रा पर निर्भर करती है.


राज्य सरकार की दलील
सरकार ने अपनी दलील में कहा कि वहां के लोगों का रोजगार चार धाम यात्रा पर ही टिका है. उत्तराखंड सरकार ने अपनी याचिका में कहा है कि चार धाम यात्रा से वहां के लोगों को रोजगार मिलता है, जो उनकी कमाई का एकमात्र साधन है. इन इलाकों में लोग छह महीने बेरोजगार जैसे रहते हैं. सरकार ने कहा कि स्थानीय लोगों को काम करने का मौका सिर्फ चार धाम यात्रा के दौरान ही मिलता है, इसलिए अगर यात्रा रद्द कर दी गई तो वहां के लोगों को आर्थिक तंगी होगी.


सरकार ने कहा कि कठोर जलवायु के कारण चार धाम यात्रा के दौरान आसपास के गांवों में रहने वाले लोगों की आजीविका काफी हद तक यात्रा के दौरान पर्यटन और धार्मिक अनुष्ठानों के माध्यम से होने वाली कमाई पर निर्भर है.


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