नैनीताल, एबीपी गंगा। उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने कोरोना को समर्पित अस्पताल में सात दिनों के भीतर वेंटिलेटर आपूर्ति कराने और वेंटिलेटर स्थापित करने के आदेश दिए हैं। उच्च न्यायालय के अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली की ओर से कोरोना संबंधी जनहित याचिका और संलग्न (क्लब)किये गए मामलों की आज वरिष्ठ न्यायाधीश सुधांशू धूलिया और न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की खंडपीठ में सुनवाई हुई।


याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि कई कोरोना अस्पतालों में, खासकर पर्वतीय जिलों में वेंटिलेटर की सुविधा नहीं है, जो कि भारत सरकार के मानकों के विपरीत है। न्यायालय ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वो राज्य के ऐसे सभी पर्वतीय जिलों जैसे कि अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, रुद्रप्रयाग और नैनीताल कोविड-19 समर्पित अस्पतालों में आदेश के 7 दिनों के भीतर आईसीयू और वेंटिलेटर का इंतजाम करे। बता दें कि बी.डी. पांडे अस्पताल समेत कुल 15 ऐसे चिकित्सालय हैं, जिन्हें कोविड-19 समर्पित घोषित किया गया है लेकिन उनमें आईसीयू और वेंटिलेटर का इंतजाम नहीं है।


मैनाली ने बताया कि न्यायालय ने राज्य सरकार से कहा है कि अगर इन सुविधाओं का इंतजाम करने में कोई दिक्कत आ रही है तो न्यायालय को इस बारे में अवगत करवाया जाए। खण्डपीठ ने कहा है कि वेंटिलेटर स्थापित करने में अब देरी संभव नहीं है। मामले की अगली सुनवाई 29 अप्रैल को होगी।