Nainital High Court: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से ऐसे सांसद और विधायकों का ब्यौरा मांगा है जिन पर आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं. ये रिपोर्ट राज्य सरकार को नैनीताल हाईकोर्ट को दो सप्ताह के भीतर देनी होगी. हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश पर स्वत: मामले को संज्ञान में लेते हुए पहले भी इसकी डिटेल मांगी थी, लेकिन राज्य सरकार ने अब तक इसे जमा नहीं कराया है, जिसके बाद अब राज्य सरकार को दो सप्ताह का समय दिया है. 

 

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रदेश के सांसद और विधायकों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमों की त्वरित सुनवाई के लिए सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देश पर स्वत: संज्ञान में लेते हुए सुनवाई शुरू कर दी है. कार्यवाहक न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार को फिर से दिशा निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में सांसद और विधायकों के खिलाफ कितने आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं और कितने अभी न्यायालय में विचाराधीन हैं इसकी दो सप्ताह में जानकारी दें. 

 

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब

न्यायालय ने पहले भी सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर संज्ञान लिया था लेकिन सरकार ने अब तक विधायक और सांसदों के खिलाफ विचाराधीन मामलों की सूची नैनीताल हाईकोर्ट को उपलब्ध नहीं कराई है. मामले के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2021 में सभी राज्यों के हाईकोर्ट को निर्देश दिए थे कि उनके वहां 702 और विधायकों के खिलाफ जो मुकदमें विचाराधीन हैं उनकी त्वरित सुनवाई कराई जाए. 

 

स्पेशल कोर्ट का किया जाएगा गठन

राज्य सरकारें आईपीसी की धारा 321 का दुरुपयोग कर अपने सांसदों और विधायकों के मुकदमे वापस ले रही हैं. सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालयों को यह भी निर्देश दिए हैं कि राज्य सरकारें बिना उच्च न्यायालय की अनुमति के उनके मुकदमे वापस नहीं ले सकती. इन सांसदों विधायकों के मुकदमों के शीघ्र निस्तारण हेतु स्पेशल कोर्ट का गठन किया जाए. फिलहाल नैनीताल हाईकोर्ट ने एक बार फिर से उत्तराखंड सरकार से ऐसे विधायक और सांसदों की लिस्ट देने को कहा है जिनके खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं दो हफ्ते के भीतर यह रिपोर्ट नैनीताल हाई कोर्ट को देनी होगी.