Uttarakhand News: उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में दिसंबर माह ने एक बार फिर अपनी ठंडक का असर दिखाया है. हिमालयी चोटियां बर्फ से लकदक हो चुकी हैं और कई गांव बर्फ की मोटी चादर से ढक गए हैं. व्यास घाटी और दारमा घाटी सहित मुनस्यारी और जोहार घाटी में भारी हिमपात हुआ है. इसके चलते पूरे क्षेत्र में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. गुंजी में न्यूनतम तापमान -17°C दर्ज किया गया है, जबकि मुनस्यारी में यह -5°C तक पहुंच गया.


सोमवार शाम से मौसम का मिजाज बदल गया था. रात्रि से हिमालयी चोटियों पर बर्फबारी शुरू हो गई, जो मंगलवार सुबह तक जारी रही. व्यास घाटी के गुंजी, नाबी, कुटी, गर्ब्यांग और रौंगकोंग जैसे गांवों में बर्फबारी ने पूरा क्षेत्र सफेद चादर से ढक दिया. दारमा घाटी में अपेक्षाकृत अधिक बर्फबारी हुई.


मुनस्यारी की जोहार घाटी के सभी 13 गांव, रालम और खलिया टॉप पर भी हिमपात हुआ है. मुनस्यारी के शीर्ष पर स्थित नया बस्ती से लेकर कालामुनि और बिटलीधार तक बर्फबारी हुई, हालांकि खलिया टॉप को छोड़कर अन्य स्थानों पर धूप निकलने के बाद बर्फ पिघल गई. हिमपात के बाद पूरे क्षेत्र में तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है. मुनस्यारी में न्यूनतम तापमान -5°C रहा, जबकि गुंजी में यह -17°C तक पहुंच गया. ठंड ने पूरे जिले को अपनी चपेट में ले लिया है, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है.


तराई क्षेत्र में दो MM बारिश रिकॉर्ड 


उधर, पिथौरागढ़ के अन्य क्षेत्रों में सोमवार रात हल्की वर्षा हुई. जिला मुख्यालय और उसके आसपास नैनी सैनी, ध्वज और सतगढ़ में मध्यम बारिश दर्ज की गई. तराई क्षेत्र में छिटपुट बूंदाबांदी हुई. मौसम विभाग के मुताबिक, तराई क्षेत्र में दो एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है. राजकीय थारू इंटर कॉलेज, खटीमा के मौसम वेधशाला प्रभारी नरेंद्र सिंह रौतेला ने बताया कि बारिश पहाड़ों पर हुई बर्फबारी का असर है. बुधवार को मौसम के साफ रहने की संभावना है.


गेहूं की फसल के लिए फायदेमंद ये बारिश


तराई और सीमांत क्षेत्रों में बारिश ने किसानों को राहत दी है. भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के जिलाध्यक्ष मनजिंदर सिंह भुल्लर ने बताया कि गेहूं की फसल के लिए यह बारिश बेहद लाभप्रद है. उन्होंने कहा कि किसान इन दिनों फसल में सिंचाई कर रहे थे, लेकिन बारिश से उनकी मेहनत कम हो गई है. इसके चलते उत्पादन बेहतर होने की उम्मीद है. जहां उच्च हिमालय के क्षेत्रों में भारी बर्फबारी हो रही है. वहीं निचले इलाकों में अब भी बर्फबारी का इंतजार है. इससे वहां के लोगों में मायूसी है, दिसंबर में दूसरी बार ऐसा हुआ कि ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हुई, लेकिन निचले इलाकों में सिर्फ ठंड का असर देखने को मिला.


पिथौरागढ़ जिले में हिमपात और बारिश से बढ़ी ठंड 


बर्फबारी के चलते मुनस्यारी और अन्य हिमालयी क्षेत्रों में पर्यटकों की संख्या बढ़ने की संभावना है. खलिया टॉप और मुनस्यारी की चोटियों पर बर्फबारी के नजारों ने पर्यटकों का ध्यान खींचा है. हालांकि, बर्फ के कारण कई सड़कों पर यातायात प्रभावित हुआ है. हिमपात और बारिश ने पूरे पिथौरागढ़ जिले में ठंड बढ़ा दी है. ग्रामीण इलाकों में ठंड के चलते लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. इसके साथ ही, कई स्थानों पर बिजली आपूर्ति और यातायात बाधित हुआ है. प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है.


ऊंचाई वाले इलाकों में ठंड का प्रकोप रहेगा जारी


मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में मौसम के साफ रहने की उम्मीद जताई है. हालांकि, ऊंचाई वाले इलाकों में ठंड का प्रकोप जारी रहेगा. विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार का सर्दी का मौसम औसत से अधिक ठंडा रहने वाला है. उच्च हिमालय में बर्फबारी और तराई क्षेत्रों में बारिश ने क्षेत्र की जलवायु और कृषि को नई ऊर्जा दी है. वहीं, ठंड के प्रकोप ने जनजीवन को चुनौतीपूर्ण बना दिया है.


बस्ती में दलित युवक के साथ बर्बरता, नग्न कर पेशाब पिलाया, नाबालिग की मौत के बाद हुआ ये एक्शन