UP News: उत्तराखंड (Uttarakhand) के पहाड़ी इलाकों में डॉक्टरों की कमी (Shortage of Doctors) को दूर करने के लिए प्रशासन की तरफ से भले ही तमाम दावे किए जाते हों लेकिन हकीकत आज भी जस की तस बनी हुई है. राज्य के पर्वतीय जिले में लगभग 800 डॉक्टर ही तैनात हैं और अस्पताल में अन्य संसाधनों की भी कमी है.
4 जिलों में 1200 डॉक्टर, 9 जिलों में 800
राज्य के चार मैदानी जिलों में जहां करीब 1200 डॉक्टर अपनी सेवाएं दे रहे हैं वहीं 9 पर्वतीय जिले लगभग 800 डॉक्टरों के भरोसे ही चल रहे हैं. यहां एक बड़ा अंतर देखा जा सकता है. प्रभारी सचिव स्वास्थ्य का बयान भी इन आंकड़ों की पुष्टि कर रहा है. इस वजह से पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोगों को मैदानी जिलों का रुख करना पड़ता है और वहां के अस्पताल में दिखाना पड़ता है. इतना ही नहीं पहाड़ी इलाकों के अस्पतालों में बाकी संसाधनों की कमी भी आज किसी से छिपी हुई नहीं है.
मानव संसाधन की कमी करेंगे दूर - प्रभारी सचिव
प्रभारी सचिव स्वास्थ्य आर. राजेश कुमार ने इस संबंध में बताया कि पहाड़ों पर डॉक्टर हैं, लेकिन उन्होंने ये भी माना कि स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी आज भी बनी हुई है. प्रभारी सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि पहाड़ों पर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी को पूरा करने पर काम किया जा रहा है. उन्होंने ये भी कहा कि अस्पतालों में अन्य संसाधनों की कमी तो नहीं है, लेकिन मानव संसाधन की वजह से दिक्कतें आती हैं, जिनको भविष्य में दूर किया जाएगा.
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